गाडी के यूजर यूजर मैन्यूअल पर ध्यान दें….

गाड़ी खरीदना कोई बड़ी बात नहीं है, बड़ी बात यह है कि गाड़ी को अच्छी स्थिति में रखना। हम अक्सर कारों का इस्तेमाल लगभग हर दूसरे कामो में करते हैं लेकिन कभी इस बारे में ज्यादा नहीं सोचते कि कारों की देखभाल भी बड़े ही अच्छे और प्यार से करनी चाहिए। गाड़ी की अच्छी देखभाल करने का एक सबसे आसन और सरल उपाय है यूजर मैन्यूअल आपकी गाड़ी से सम्बंधित हर छोटी बड़ी बातें यूजर मैन्यूअल में रहती हैं। हम ज्यादातर यूजर मैन्यूअल पढ़ते भी नहीं ढंग से, लेकिन अगर आप ध्यान दें तो आपको पता चलेगा कि कितनी काम की जानकारियां इस यूजर मैन्यूअल से हमें मिल सकती हैं। तो अगर आप खुद गाड़ी की देखभाल करना चाहते हैं और छोटी छोटी बातों के लिए गाड़ी को गैराज में नहीं ले जाना चाहते तो अपने गाड़ी के यूजर मैन्यूअल पर भी थोड़ा ध्यान दें।

ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन की जांच

गाड़ी को स्थिर कर खड़ा करें एक स्तर पर, फिर पार्किंग ब्रेक लगाएं और इंजन शुरू करें। अपने ट्रांसमिशन शिफ्टर को पोजिशन (पार्किंग) में रखें। इंजन को वैसे ही रहने दें। ट्रांसमिशन डीप स्टिक निकले। डीप स्टिक को एक साफ कपड़े से या फिर टिशू पेपर से पोछ लें, इसके बाद फिर डीप स्टिक को वापस जगह पे डाल दें। डालने के बाद फिर से निकालें और फ्लूअड लेवल चेक कर लें। अगर इंजन बंद है तो ये कोल्ड मार्क तक रहेगा। अगर गाड़ी चली है और गर्म है तो हॉट मार्क पर रहेगा। फ्लूअड कोलोर का भी ध्यान रखें। अगर ज्यादा गंदा है और खराब गंध आ रही है तो ट्रांसमिशन सही काम नहीं कर रहा है। इसे साफ और पारदर्शी रहना चाहिए। आप अपने गाड़ी की मैन्यूअल देख लें की इसे कब बदलने की जरूरत है। गाड़ी को कोई समतल जगह खड़े करें, इंजन बंद कर दें, थोड़ी देर रूकें कि इंजन आयल अपने स्तर पर आ जाए। इंजन की डीप स्टिक निकालें। इसे अच्छी तरह किसी सूखे कपड़े या फिर टिशू पेपर से पोछ के फिर वापस जगह पर डाल दें। अब इस डीप स्टिक को फिर से निकालें और इंजन आयल लेवल चेक करें। आमतौर पे ये फुल मार्क तक रहेगा, लेकिन ये अगर फुल मार्क के कुछ ज्यादा ही नीचे है तो फिर आपको इंजन आयल बदलने की जरूरत है। यह भी देख लें अगर इंजन आयल में ज्यादा कालापन आ गया है या फिर ज्यादा गन्दा हो गया है तो इसे तुरंत बदल दें।

इंजन कूलट की जांच

इंजन कूलन्ट के कम होने पर इंजन- ओवरहीट हो जाता जो की इंजन की एक बहुत ही बड़ी समस्या है। इंजन कूलट का स्तर लो और फुल मार्क के बीच में रहना चाहिए। अगर आप बार बार कूलन्ट डाल रहे हैं फिर भी टैंक में सही मात्र में कूलन्ट नहीं है तो हो सकता है कि कूलन्ट लीक हो रही हो।

गाडी के यूजर यूजर मैन्यूअल पर ध्यान दें....
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