गाजा में मानवीय आधार पर युद्ध रोकने की मांग वाला प्रस्ताव पास, अमेरिका - रूस ने मतदान से बनाई दूरी
न्यूयॉर्क |
इजराइल-हमास युद्ध के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (यूएनएससी) ने गाजा में मानवीय मदद के लिए युद्ध रोकने की मांग वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विशेष सत्र के दौरान लाए गए प्रस्ताव का 12 देशों ने समर्थन किया, जबकि अमेरिका, रूस और ब्रिटेन ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया ।
नए प्रस्ताव में गाजा पट्टी में मानवीय मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के पालन की मांग की गई है। इसके अलावा बच्चों के लिए विशेष सुरक्षा की मांग की गई है। हालांकि, माल्टा की तरफ से रखे गए इस प्रस्ताव में कहीं भी इजराइल से हमले रोकने की अपील नहीं की गई है। जबकि, चीन और रूस तत्काल युद्धविराम चाहते हैं ।
आसियान की अपील, रोका जाए युद्ध
दक्षिण - पूर्वी एशियाई देशों के संगठन आसियान के रक्षा मंत्रियों ने मंत्री स्तरीय बैठक में इजराइल से गाजा पर तुरंत हमले रोकने की अपील की है। आसियान रक्षा मंत्रियों ने मानवीय मदद के लिए सुरक्षित गलियारा बनाने के लिए भी अपील की है। इधर, इजराइली सेना ने गाजा के सबसे बड़े अल- शिफा अस्पताल पर नियंत्रण हासिल कर लिया । इजराइली रक्षा बल (आईडीएफ) ने बताया कि अस्पताल के तहखाने में भारी मात्रा में हथियार मिले हैं। इससे पहले अस्पताल में कई जगहों पर हमास के लड़ाकों से मुठभेड़ हुई। इजराइली सेना के मुताबिक अस्पताल में अब भी कई जगह आतंकी मौजूद हो सकते हैं। इस वजह से एक- एक कोने की तलाशी ली जा रही है। इसके साथ ही लाउड स्पीकर के जरिये आतंकियों से समर्पण करने के लिए कहा जा रहा है । इजराइली सेना के मुताबिक इसी अस्पताल के नीचे हमास का मुख्यालय बना हुआ है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि जब से इजराइली सेना ने अस्पताल पर नियंत्रण हासिल किया है, वहां मौजूद डॉक्टरों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र का दावा है कि अस्पताल के अंदर मरीजों और स्टाफ को मिलाकर करीब 2,300 लोग मौजूद हैं। गाजा में संयुक्त राष्ट्र के राहत प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा कि अस्पताल युद्धभूमि नहीं हैं। अस्पतालों में नवजात शिशुओं, रोगियों, चिकित्सा कर्मचारियों और सभी नागरिकों की सुरक्षा अन्य सभी चिंताओं से ऊपर होनी चाहिए। वहीं, इस संबंध में आईडीएफ के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल पीटर लर्नर ने कहा कि इस बात के पुख्ता सबूत मिले थे कि हमास अस्पताल परिसर का इस्तेमाल अपने मुख्यालय के तौर पर कर रहा है।