रंगिया (विभास)। शरणीया समुदाय के संगठनों में से एक शरणीया कछारी साहित्य सभा का दूसरा पूर्णांग त्रैवार्षिक अधिवेशन खैराबाड़ी के निकट स्थित गरंगपारा खेल मैदान प्रांगण में आयोजित किया गया। दो दिवसीय कार्यक्रमो के साथ आयोजित इस अधिवेशन का शुभारंभ प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता रोहित चंद्र दास द्वारा मुख्य द्वार उद्घाटन के साथ किया गया। इसके पश्चात क्रमशः उत्तर पूर्वांचल रेनबो फाउंडेशन के अध्यक्ष पूर्णधर सैकिया द्वारा रभा का उद्घाटन, बीटीसी खैराबाड़ी क्षेत्र के पारिषद भवेंद्र बोड़ो द्वारा मंच का उद्घाटन, शरणीया कछारी गणतांत्रिक महिला मंच असम की अध्यक्षा जयमती बोरा द्वारा अतिथिशाला का उद्घाटन और प्रतिनिधि सभा भवन का उद्घाटन प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता विष्टिराम बोड़ो द्वारा किया गया, इसके अलावा पौधरोपण और गोसाईघर के उद्घाटन के बाद सेमिनार का उद्घाटन उदालगुड़ी जिला साहित्य सभा के अध्यक्ष गौरीशंकर दास द्वारा किया गया। वहीं डी वाई 365 की पत्रकार जुलिमा डेका ने शरणीया कछारी परिवेश्य कला प्रदर्शनी का उद्घाटन और पूर्व छात्र नेता धर्मेश्वर डेका ने शरणीया कछारी साहित्य सभा असम के आजीवन सदस्यों के प्रीति सम्मेलन का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान प्रख्यात लेखिका नलिनी डेका और सेवानिवृत्त प्रवक्ता जगत बोरा ने त्रैवार्षिक अधिवेशन की स्मारक ग्रंथ और मुखपत्र हासदा के विशेष अंक का उन्मोचन किया, शरणिया कछारी विकास परिषद के उपाध्यक्ष कुमुद दास ने प्रतिनिधिमंडल बैठक का उद्घाटन किया। वहीं अधिवेशन के दूसरे दिन का पहला कार्यक्रम 8 दिसंबर को लोकश्री सोनावर बरुवा के मुख्य ध्वजारोहण के साथ शुरू किया गया। स्मृति एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रम के अलावा विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन प्रमुख सांस्कृतिक कर्मी प्रफुल्ल लहकर ने किया। खुली बैठक का उद्घाटन शरणीया कछारी विकास परिषद के अध्यक्ष किशोर कुमार दास ने किया। शरणीया कछारी साहित्य सभा असम के पुनः निर्वाचित अध्यक्ष सोनबर बरुवा के संचालन में आयोजित खुली बैठक में उपस्थित बीटीसी के मुख्य कार्यकारी सदस्य प्रमोद बोड़ो ने शरणिया जनजाति साहित्य सभा के विषय में भाषण प्रदान किया।