नई दिल्ली। चुनाव संचालन नियमों में संशोधन को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे चुनाव आयोग की संस्थागत अखंडता को कमजोर करने की साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि चुनाव संचालन नियमों में किया गया ये दुस्साहस सरकार की सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। खड़गे ने कहा कि चुनाव आयोग की अखंडता को जानबूझकर नुकसान पहुंचाना संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है और हम उनकी रक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि इससे पहले उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले चयन पैनल से हटा दिया था, और अब वे हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी चुनावी जानकारी को छिपाने का सहारा ले रहे हैं। खड़गे ने कहा कि जब भी कांग्रेस पार्टी ने चुनाव को वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने और ईवीएम में पारदर्शिता की कमी जैसे अनियमितताओं के बारे में लिखा, तो चुनाव आयोग ने अपमानजनक तरीके में जवाब दिया और कुछ गंभीर शिकायतों को भी स्वीकार नहीं किया। यह फिर से साबित करता है कि चुनाव आयोग भले ही एक एक स्वायत्त एवं अर्ध-न्यायिक संस्था है लेकिन यह स्वतंत्र रूप से व्यवहार नहीं कर रहा है। कहा जा रहा है यह कदम पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा चुनाव आयोग को हाल ही में जारी एक निर्देश के बाद आनन फानन में उठाया गया है। कोर्ट ने हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान चुनाव संबंधी सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। हालांकि, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने बयान जारी कर कहा है इस संशोधन को कानूनी तौर पर चैलेंज किया जाएगा। दरअसल, चुनाव संचालन नियम 93 में संशोधन किया गया है।