जोधपुर ( हिंस)| केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) को महातीर्थ बताते हुए कहा कि यहां वर्षा कम होती है। यहां की मिट्टी का अपना प्रकार और समस्याएं है। कम पानी और ऐसी जलवायु में किसान कैसे फसल उगाएं, जो प्रयोग किए गए वे अद्भुत है। वे शुक्रवार को काजरी भ्रमण पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे। शिवराजसिंह ने कहा कि बेर की जो क्वालिटी डवलप की है, बेर, खजूर, जीरा आदि हो एवरेज 200 मिलीमीटर बारिश में किसान कैसे फसल उत्पादन बढ़ा सकते है ऐसे अनेकों प्रयोग काजरी में हुए है। किसानों के इस तीर्थ में वे आए है। भारत में कई तरह भौगोलिक जोन है । कहीं काली, कहीं काली मिट्टी तो है तो हमें अनेकों प्रयत्न करने पड़ते है। अलग- अलग जलवायु क्षेत्रों के लिए ताकि किसान खेती कर सकें। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि मैं खुद कृषिमंत्री के साथ किसान भी हूं, हमारी कोशिश रहती है कि किसानों को फसल की लागत कैसे दाम दें कैसे लागत बढ़ाए। काजरी जैसे संस्थान इसमें बहुत महत्वपूर्ण योगदान देते है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह सुबह उम्मेद भवन से रवाना होकर काजरी परिसर पर पहुंचे। यहां पर काजरी परिसर का अवलोकन कर अभिभूत हुए। काजरी निदेशक ओपी यादव ने उन्हें अन्य अधिकारियों के साथ काजरी का भ्रमण करवाया। काजरी निदेशक यादव ने उनकी अगवानी की। राष्ट्रीय स्तर के कृषि अनुसंधान केंद्र काजरी के बारे में निदेशक ओपी यादव ने विस्तार से जानकारी दी। बेर से लेकर अनार में अन्य फसलों के बारे में जानकारी उन्हें दी गई। शहर विधायक अतुल भंसाली, भाजपा नेता छेलाराम सारण भी उनके साथ रहे।