मणिपुर में तनाव के बीच शांति, सुरक्षा बल अलर्ट

इंफाल। मणिपुर में कुकी समूहों की ओर से सुरक्षा बलों की कार्रवाई के खिलाफ लागू किए गए अनिश्चितकालीन बंद का मिलाजुला असर नजर आया। राज्य के कुकी बहुल इलाकों में तनावपूर्ण शांति रही। वहीं कुछ जिलों में कुकी प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन किया। वहीं बंद को देखते हुए सुरक्षा बल अलर्ट मोड पर रहे। चूराचंदपुर और टेंग्नौपाल जिलों के की बहुल इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए और पत्थरों से सड़कें जाम कर दीं। जिन्हें सुरक्षा बलों ने हटाया । कुकी बहुल इलाकों में दुकानें बंद रहीं और यहां आंदोलनकारी लोगों से घरों के अंदर रहने के लिए कहते नजर आए। अफसरों ने बताया कि एनएच-2 (इंफाल- डिमापुर रोड) पर गमघीफाई और जिले के अन्य हिस्सों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है और कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए वाहनों की गश्त की जा रही है। आईटीएलएफ ने कुकी जो काउंसिल (केजेसी) द्वारा बुलाए गए अनिश्चितकालीन बंद को समर्थन दिया। इस बंद का उद्देश्य राज्य में सभी सड़कों पर मुक्त आवाजाही का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई का विरोध करना था। आईटीएलएफ ने कहा कि कुकी-जो क्षेत्रों के माध्यम से मैतेई लोगों की आवाजाही की अनुमति देने के भारत सरकार के फैसले से कांगपोकपी में आंदोलन और विरोध हुआ । सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर अत्यधिक बल का प्रयोग किया। शनिवार को कांगपोकपी जिले के विभिन्न हिस्सों में कुकी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई, जबकि महिलाओं और पुलिसकर्मियों समेत 40 से अधिक अन्य घायल हो गए थे। वहीं मणिपुर पुलिस ने कहा कि कुकी प्रदर्शनकारियों द्वारा किए गए हमलों में 27 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने उन पर पत्थर फेंके और बड़े-बड़े पत्थर लगाकर, टायरों में आग लगाकर, पेड़ों को गिराकर सड़कों को जाम किया। प्रदर्शनकारियों ने गोलियां भी चलाई, इसका सुरक्षा बलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। पुलिस ने कहा कि जब मणिपुर राज्य परिवहन की एक बस इंफाल – कांगपोकपी -सेनापति मार्ग पर जा रही थी, कांगपोकपी जिले के गमगीफई में भीड़ ने वाहन पर पथराव करना शुरू कर दिया । इसके बाद सुरक्षा बलों को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और न्यूनतम बल का इस्तेमाल करना पड़ा।
