भारत में काले और नीले रंग की कारों के खरीददारों की संख्या बढती जा रही है। इससे पता चलता है कि इन रंगों की कारों की लोकप्रियता अब बढ़ी है, और इन रंगों को खरीदने वाले ग्राहकों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। वर्ष 2021 में काले रंग की कारों का खरीदी प्रतिशत 14.8 प्रतिशत था, जो अब 2024 में बढ़कर 20.2 प्रतिशत हो गया है। इसी तरह, नीले रंग की कारों की लोकप्रियता भी बढ़ी है। 2021 में नीले रंग की कारों का हिस्सा 8.8 प्रतिशत था, जो 2024 में बढ़कर 10.9 प्रतिशत हो गया है। हालांकि गहरे रंगों की कारों की लोकप्रियता बढ़ी है, सफेद रंग की करें अब भी भारत में सबसे अधिक पसंद की जाती हैं। 2021 में सफेद कारों की खरीददारी 43.9 प्रतिशत थी, जो 2023 में घटकर 39 प्रतिशत हो गई थी। लेकिन 2024 में सफेद रंग की कारों की मांग फिर से बढ़ी है, और अब ये बाजार में 39.3 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती हैं। ह्युंडै मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) के मुख्य परिचालन अधिकारी तरुण गर्ग ने इस बदलाव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि काले रंग की कारों की लोकप्रियता में बढ़ोतरी हुई है। 2021 में एचएमआईएल के घरेलू बिक्री में काले रंग की कारों का हिस्सा 9 प्रतिशत था, जो 2024 में बढ़कर 19 प्रतिशत हो गया है। हालांकि, सफेद रंग की कारें अब भी कंपनी की घरेलू बिक्री का बड़ा हिस्सा बनी हुई हैं, और पिछले चार वर्षों में इनकी हिस्सेदारी 54 प्रतिशत रही है। इसके साथ ही, गहरे हरे रंग की कारों की लोकप्रियता भी बढ़ी है। 2021 में इस रंग की केवल 1 प्रतिशत कारें बिकी थीं, जबकि 2024 के पहले 11 महीनों में इसकी बिक्री 5 प्रतिशत तक पहुंच गई है। तरुण गर्ग के अनुसार, युवाओं में नए रंगों को अपनाने का रुझान बढ़ रहा है, और एसयूवी वाहनों की बढ़ती मांग के कारण गहरे रंगों की कारों की बिक्री में भी अच्छी वृद्धि देखी जा रही है। जैटो डायनैमिक्स के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय उपभोक्ताओं का रंग चयन वैश्विक रुझान के अनुरूप बदल रहा है। बीएएसएफ की जनवरी रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर काले रंग की कारों की लोकप्रियता 2022 में 18 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 21 प्रतिशत हो गई, जबकि सफेद रंग की कारों की हिस्सेदारी घटकर 36 प्रतिशत रह गई ।