नई दिल्ली (हि.स.)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में मंगलवार को कहा कि दोनों सदनों में संविधान पर हुई चर्चा युवाओं और अगली पीढ़ी के लिए बहुत शिक्षाप्रद होगी। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने संविधान में 22 बार संशोधन किया, जबकि कांग्रेस ने 77 बार संशोधन किया। उन्होंने कहा कि संशोधनों के कारण पार्टी के चरित्र और संविधान में उसकी आस्था को दर्शाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करने का काम किया, तो वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। उन्होंने कहा कि लोग देखेंगे कि किस पार्टी ने संविधान को बरकरार रखा है। उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्हीं की बदौलत देश दुनिया का मजबूती से सामना कर पा रहा है। शाह ने कहा कि हमारा संविधान, संविधान सभा का निर्माण और निर्माण प्रक्रिया अद्वितीय है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में 22 धर्मों और पंथों के 299 सदस्य थे, साथ ही हर रियासत और राज्य का प्रतिनिधित्व था। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमने दुनिया के संविधानों से अच्छी चीजें ली हैं लेकिन हमने अपनी परंपराओं को नहीं छोड़ा है। उन्होंने कहा कि अगर पढ़ने का चश्मा विदेशी होगा तो भारतीयता दिखाई नहीं देगी। इससे पहले उन्होंने ऋग्वेद का हवाला देते हुए कहा कि इसमें हर चीज से अच्छाई लेने को कहा गया है। अमित शाह ने कहा कि हमारा संविधान अपरिवर्तनीय नहीं था । उन्होंने कहा कि संविधान सभा ने इसे स्वीकार किया और संविधान के अनुच्छेदों में इसके लिए प्रावधान किया। उन्होंने कहा कि एक ही दिन में दो चुनाव परिणाम आए। जब वे ( विपक्ष ) महाराष्ट्र में चुनाव हार गए, तो उन्होंने कहा कि ईवीएम खराब है और जब वे झारखंड में चुनाव जीते, तो उन्होंने अच्छे कपड़े पहनकर शपथ ली। कुछ तो शर्म करो… जनता देख रही है। अमित शाह ने कहा कि हम नई शिक्षा नीति लेकर आए, जिसका कम्युनिस्ट पार्टियों ने भी विरोध नहीं किया। हम 3 आपराधिक न्याय कानून लेकर आए । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन कानूनों को लाकर आपराधिक न्याय प्रणाली का भारतीयकरण किया। अगर किसी ने देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करने का काम किया, तो वे प्रधानमंत्री मोदी हैं।