
नई दिल्ली। कांग्रेस ने चुनाव आयोग द्वारा डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र संख्याओं पर दिए गए स्पष्टीकरण को ढोंगी करार दिया। साथ ही चुनाव आयोग से इस मुद्दे पर सफाई देने की मांग की। मामले में कांग्रेस ने कहा कि चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण कमजोर और असंवेदनशील है और इसे खारिज किया जाता है। बता दें कि चुनाव आयोग ने पहले कहा था कि वह अगले तीन महीने में इस दशकों पुराने मुद्दे को सुलझाएगा। कांग्रेस के नेताओं और विशेषज्ञों ने इस स्पष्टीकरण को पूरी तरह नकारा करते हुए चुनाव आयोग से भारत में मतदाता सूचियों की पवित्रता पर पूरी सफाई देने की मांग की है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने एक ही मतदाता पहचान पत्र को कई मतदाताओं को आवंटित किया है और चुनाव आयोग की मतदाता सूची अब भरोसेमंद नहीं रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पहले चुनाव आयोग ने बताया था कि मतदाता पहचान पत्र अद्वितीय होते हैं, लेकिन अब चुनाव आयोग का कहना है कि डुप्लीकेट पहचान पत्रों का मुद्दा दशकों पुराना है। साथ ही कांग्रेस ने यह भी सवाल उठाया कि अगर चुनाव आयोग ने पहले ही मतदाता पहचान पत्रों को अद्वितीय बताया था, ‘अब वे क्यों कह रहे हैं कि यह समस्या दशकों पुरानी है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को महाराष्ट्र की मतदाता सूची उपलब्ध करानी चाहिए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि सूची में गलतियां हैं या नहीं। कांग्रेस के इस बयान पर चुनाव आयोग ने इस पर प्रतिक्रिया दी। चुनाव आयोग की ओर से जारी बयान में बताया गया कि भारत की मतदाता सूची दुनिया का सबसे बड़ा डेटाबेस है, जिसमें 99 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाता हैं, और डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र संख्या का मुद्दा गंभीरता से लिया जा रहा है।
