
नई दिल्ली। रायसीना डायलॉग 2025 में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र की निष्पक्षता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र ने आक्रमणकारी और पीड़ित को एक ही लाइन पर खड़ा कर दिया। उन्होंने निष्पक्ष यूएन और नई वैश्विक व्यवस्था की वकालत की। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीर पर पाकिस्तान के आक्रमण को विवाद बना दिया। विदेश मंत्री जयशंकर ने कश्मीर के कुछ हिस्सों पर पाकिस्तान के कब्जे को दूसरे विश्व युद्ध के बाद किसी अन्य देश द्वारा सबसे लंबे समय तक किया गया अवैध अतिक्रमण करार दिया । जयशंकर ने एक मजबूत और निष्पक्ष संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की वकालत की। कश्मीर पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हमलावर और पीड़ित को एक ही श्रेणी में रखा गया है। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया भर में किसी क्षेत्र पर सबसे लंबे समय तक अवैध कब्जे का अनुभव भारत ने कश्मीर में किया। उन्होंने कहा कि 1947 में जम्मू और कश्मीर भारत का हिस्सा बन गया। इसके बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर एकतरफा आक्रमण किया। तब से पाकिस्तान ने भारत के कुछ हिस्से पर कब्जा कर रखा है। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि पाकिस्तान के कब्जे के बाद हम संयुक्त राष्ट्र गए । यूएन ने पाकिस्तान के अवैध कब्जे की निंदा न करके बहुत बड़ी गलती की। उसने आक्रमण को विवाद में बदल दिया। हमलावर और पीड़ित के साथ एक समान व्यवहार किया गया। उन्होंने एक नई वैश्विक व्यवस्था की मांग उठाई और कहा कि वैश्विक मानदंडों और नियमों को समान रूप से लागू किया जाना चाहिए। हमें एक मजबूत संयुक्त राष्ट्र की जरूरत है। मगर एक मजबूत संयुक्त राष्ट्र के लिए एक निष्पक्ष संयुक्त राष्ट्र की आवश्यकता होगी। रायसीना डायलॉग का आयोजन 17 से 19 मार्च तक दिल्ली में किया जा रहा है। विदेश मंत्रालय के सहयोग से ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन इसे आयोजित कर रहा है । यह भू-राजनीति और भू- अर्थशास्त्र पर भारत का प्रमुख सम्मेलन है।
