कर्मचारी विरोधी यूपीएस स्कीम के विरोध में कर्मचारी मनाएंगे काला दिवस

कर्मचारी विरोधी यूपीएस स्कीम के विरोध में कर्मचारी मनाएंगे काला दिवस
कर्मचारी विरोधी यूपीएस स्कीम के विरोध में कर्मचारी मनाएंगे काला दिवस

फतेहाबाद (हिंस)। सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर पेंशन बहाली संघर्ष समिति द्वारा प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल के नेतृत्व में 1 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नाम हरियाणा के सभी भाजपा जिलाध्यक्षों को ज्ञापन सौंपे जाएंगे। फतेहाबाद में वीरवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए समिति के राज्य महासचिव ऋषि नैन ने बताया कि केंद्र सरकार ने एक जनवरी 2004 और राज्य सरकार ने एक जनवरी 2006 के बाद नियुक्त कर्मचारियों अधिकारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना के स्थान पर एनपीएस के नाम से नई पेंशन स्कीम लागू कर दी, जिसमें कर्मचारी के मूल वेतन का 10 फीसदी कटौती और मूल वेतन का 14 फीसदी सरकारी खजाने से निकाल कर शेयर बाजार में निवेश किया जाता है। इसके बदले में कुल जमा राशि का 60 प्रतिशत कर्मचारी को रिटायर होने पर एकमुश्त मिल जाता है और बाकी रकम की पेंशन बना दी जाती है, जो इतनी कम होती है कि कर्मचारी अपने परिवार की आधारभूत जरूरतें भी मुश्किल पूरी कर पाता है। नैन ने कहा कि एनपीएस स्कीम कर्मचारियों की रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित नहीं करता है, जबकि पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी को अंतिम वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलता है। पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर पेंशन बहाली संघर्ष समिति 2018 से लगातार संघर्षरत है। आंदोलन की व्यापकता को देखते हुए केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष यूनिफाइड पेंशन स्कीम के नाम से एक नया विकल्प कर्मचारियों के आगे रखा और कहा कि एक अप्रैल 2025 से यह योजना लागू की जाएगी। इस विषय में केंद्र सरकार ने किसी भी कर्मचारी संगठन की राय नहीं ली और केवल पूंजीपति वर्ग के लाभ को मद्देनजर रखते हुए एक ऐसी स्कीम तैयार की।

कर्मचारी विरोधी यूपीएस स्कीम के विरोध में कर्मचारी मनाएंगे काला दिवस
कर्मचारी विरोधी यूपीएस स्कीम के विरोध में कर्मचारी मनाएंगे काला दिवस