हिसार (हिंस)। जन-जन को सतगुरु ओशो की देशनाओं से साक्षात्कार करवाने के उद्देश्य से सिरसा रोड स्थित ओशो ध्यान उपवन में चार दिवसीय ओशो जन्मोत्सव की शुरुआत धूमधाम से की गई । आचार्य स्वामी निरुपम जी, स्वामी संजय व मां सांची ने साधकों को सतगुरु ओशो की शिक्षाओं से रूबरू करवाया और ध्यान की सरल विधियों का अभ्यास भी करवाया। स्वामी संजय ने सोमवार को बताया कि 11 दिसंबर तक चलने वाले इस चार दिवसीय ओशो जन्मोत्सव व ध्यान शिविर में विभिन्न सत्रों का आयोजन किया जा रहा है। साधकों को सक्रिय ध्यान, गुरजिएफ ध्यान विधि, नाभि केंद्र जागृत करने, अपने भीतर गहराई को समझने और ओशो की कृपा को अनुभव करने पर आधारित ध्यान करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 11 दिसंबर को दोपहर को सभी साधकों के लिए भोजन प्रसाद की व्यवस्था की गई है। स्वामी संजय ने साधकों के साथ अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस संबंधी जानकारी भी साझा की। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने भारत द्वारा सह–प्रायोजित प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार करते हुए 21 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। स्वामी शैलेंद्र सरस्वती ने बताया कि कि 11 दिसंबर को ओशो के 93वें जन्मदिवस पर सोनीपत के श्री रजनीश ध्यान मंदिर में महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस उपलक्ष्य मंन 10 से 15 दिसंबर तक ओंकार ध्यान की साधना चलेगी। ओशो दिवस के एक दिन पूर्व से ही मेडिटेशन – सेलीब्रेशन में साधक शामिल हो जाएंगे। 24 से 29 दिसंबर तक सोनीपत के श्री रजनीश ध्यान मंदिर में अकेलापन और भय से मुक्ति की साधना संपन्न होगी।