चंडीगढ़ (हिंस) । हरियाणा में एक नवंबर 1966 से अब तक सत्ता संभालने वाले मुख्यमंत्रियों में ओम प्रकाश चौटाला ऐसे नेता हैं जिनकी गिनती कठोर प्रशासकों में होती है। चौटाला राज में अफसरशाही के किस्से आज भी सचिवालय की गलियों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। ओम प्रकाश चौटाला जब मुख्यमंत्री थे तो उन्हें विपक्ष के एक नेता ने कटाक्ष करते हुए कहा कि आपके ज्यादातर अधिकारी रात के समय पार्टियों में जाते हैं और शराब के नशे में होते हैं। ऐसे में प्रदेश की कानून-व्यवस्था भगवान भरोसे है। ओम प्रकाश चौटाला को विपक्ष के नेता की यह बात अखर गई। उन्होंने अगले ही दिन सब अधिकारियों को सूचित किया वह किसी भी समय फोन करके किसी प्रोजेक्ट या घटनाक्रम पर अपडेट ले सकते हैं। इसके बाद ओम प्रकाश चौटाला कहीं भी हों रोजाना रात को 11 बजे के बाद जिला उपायुक्त व पुलिस अधीक्षकों को फोन करके अपडेट ना शुरू कर दिया। जिसके चलते अधिकारी रात में अपने तकिए के नीचे डायरी रखकर सोते थे । हरियाणा की चौटाला सरकार में रहे एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि चौटाला कि स्मरण शक्ति बहुत तेज थी । वह कुछ भूलते नहीं थे। कई बार रात को फोन करके तीन दिन पहले संगत दर्शन, किसी ग्रामीण द्वारा की गई शिकायत के बारे में पूछ लेते थे, तो अधिकारियों को पसीना आ जाता था। चौटाला के डर से अधिकारियों ने रात की पार्टियों में जाना ही बंद कर दिया था । उन्हें यह भय रहता था कि मुख्यमंत्री किसी भी समय सीधे फोन करके किसी भी घटना या परियोजना का अपडेट ले सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने आपातकाल के दौरान 19 माह कारागार में गुजारा था। इस में अवधि के दौरान उनके भाजपा के तत्कालीन नेता स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती, डॉ मुरली मनोहर जोशी जैसे नेताओं के साथ अच्छे संबंध बन गए थे, जो बाद में उनके राजनीतिक सफर में काम आए। इंडियन नेशनल लोकदल के नेता ओम प्रकाश चौटाला का जन्म एक जनवरी 1935 को हुआ था। चौटाला का राजनीतिक कौशल इस बात से लगाया जा सकता है कि वह पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के साथ ही आठ साल तक नेता प्रतिपक्ष रहे। उन्हें हिंदी, पंजाबी के साथ ही संस्कृत और उर्दू भाषा का भी ज्ञान था । उन्होंने कम शैक्षिक होने के बावजूद 150 देशों की यात्रा का रिकार्ड बनाया।