नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर जटिल रोगों के ऑपरेशन की लाइव स्ट्रीमिंग को रोकने की अपील की गई है। अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि लाइव सर्जरी प्रसारण से कानूनी और नैतिक मुद्दे उत्पन्न हो रहे हैं। इन मुद्दों को उजागर करने वाली एक याचिका पर शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को केंद्र सरकार के साथ-साथ अन्य पक्षकारों से भी जवाब मांगा। रिपोर्ट के अनुसार, सर्जरी की लाइव प्रसारण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर रही है। पीठ ने दिल्ली के कुछ लोगों की तरफ से दायर याचिका पर केंद्र और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। अब इस मामले में तीन हफ्ते बाद सुनवाई होगी। दरअसल, ये मामला मेडिकल साइंस के साथ-साथ ऑपरेशन थियेटर के विचलित करने वाले नजारों को आम नागरिकों तक पहुंचाने का है। सर्जरी का सीधा प्रसारण करने के इस मामले में जो पीठ सुनवाई कर रही है, उसमें सीजेआई चंद्रचूड़ के अलावा न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को सर्जरी के लाइव प्रसारण की नियमित निगरानी करने का निर्देश देने की मांग की है। सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता इस संबंध में दिशानिर्देश तैयार करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश देने की मांग कर रहे हैं। शुक्रवार को मामले में संक्षिप्त सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले में अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी ।