नई दिल्ली। भारतीय खाद्य मानक और प्रमाणन प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है, जिसमें लाइसेंस प्राप्त खाद्य निर्माता और आयातकों को स्पष्ट किया गया है कि वे रिजेक्टेड और एक्सपायर खाद्य आइटम्स का तिमाही डेटा (ऑनलाइन अनुपालन प्रणाली) के माध्यम से पेश करें। इसका मकसद है कि ऐसे उत्पादों के पुनः उपयोग को रोका जा सके। इस निर्देश के तहत, तीन अहम क्षेत्रों का विशेष महत्व है: पहला, आंतरिक गुणवत्ता परीक्षण या निरीक्षण में फेल होने वाले उत्पादों की मात्रा; दूसरा, फूड सप्लाई चेन से रिजेक्टेड उत्पादों की संख्या और तीसरा, प्रोडक्ट डिस्पोजल की डिटेल रिपोर्ट। यह निर्देश हाल ही में जारी किया गया और इसका पालन करने के लिए रिपैकर्स और रीलेवलर्स को जिम्मेदारी सुनिश्चित करनी होगी। एफओएससीओएस की रिपोर्टिंग फंक्शन अभी भी विकसित हो रहा है, और नियामक ने खाद्य उद्यमों से जरूरी डेटा इकट्ठा करने का आग्रह किया है। हाल ही में एफएसएसएआई ने एक अलग आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि ऑनलाइन काम करने वाले सभी फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (एफबीओ) को चाहिए कि उन्हें केवल उन खाद्य आइटम्स की डिलीवरी करें, जिनकी एक्सपायरी डेट कम से कम 45 दिन बाकी हो। यह कदम उपभोक्ताओं के हित के लिए उठाया गया है ताकि उन्हें ताजगी से तैयार भोजन मिल सके। कंज्यूमर्स की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने एक नया ई- जागृति ऐप शुरू करने की योजना बनाई है, जिसकी विशेषता यह है कि इसके माध्यम से लोग अपनी शिकायतें आसानी से दर्ज कर सके। इन निर्देशों का पालन करने से प्रयोजन है कि भारत में खाद्य सुरक्षा में सुधार हो, और उपभोक्ताओं को सुरक्षित और स्वस्थ खाद्य सुरक्षा का आनंद मिले।