उच्च ब्याज दरों, निर्यात बित में गिरावट से प्रतिस्पर्धात्मकता प्रभावित हो रही हैः बुधिया

भारतीय निर्यातक निर्यात के क्षेत्र में बढ़ रही चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उच्च ब्याज दरों और निर्यात वित्त में गिरावट ने उन्हें चुनौतियों का सामना करने पर मजबूर कर दिया है। इस संकट से निपटने के लिए, भारतीय उद्योग परिसंघ की निर्यात-आयात पर राष्ट्रीय समिति के चेयरमैन संजय बुधिया ने सरकार और बैंकों को मिलकर कार्रवाई करने की जरूरत बताई। उनके सुझावों में शामिल है, एमएसएमई के लिए ब्याज समानीकरण योजना को बढ़ाना और निर्यात ऋणों के लिए ब्याज सब्सिडी को वृद्धि देना । फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन भी मांग कर रही है कि बजट में इस योजना की अवधि को बढ़ाया जाए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इस दिशा में कदम उठाने का संकेत दिया है। निर्यातकों की मांग है कि विदेशी परियोजनाओं के लिए ऋण पत्र सुविधाओं का विस्तार किया जाए ताकि उन्हें अधिक सहायता मिल सके। बुधिया ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्यात ऋण गारंटी कार्यक्रमों में और अधिक कवरेज प्रदान करने की सलाह दी। इससे भारतीय निर्यातकों को सहायता मिल सकती है और उन्हें अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखने में मदद मिल सकती है। इस विप्लवकारी समय में भारतीय निर्यातकों के लिए सरकार और साझेदार संस्थानों के साथ हाथ मिलाकर विशेष योजनाएं बनाकर उनकी मदद करने की जरूरत है ।

उच्च ब्याज दरों, निर्यात बित में गिरावट से प्रतिस्पर्धात्मकता प्रभावित हो रही हैः बुधिया
Skip to content