प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिलने के बाद पूर्ववर्ती भूषण स्टील एंड पावर लिमिटेड की 4,025 करोड़ रुपये की संपत्ति जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड को लौटा दी है। जेएसडब्ल्यू स्टील कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया ( सीआईआरपी) के दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत दिवालिया कंपनी की परिसंपत्तियों के लिए सफल समाधान आवेदक थी। प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि उसने सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद पूर्ववर्ती भूषण स्टील एंड पावर लिमिटेड कंपनी की 4,025 करोड़ की संपत्ति जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड को वापस कर दी है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने बताया कि ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) की धारा-5 के तहत संपत्तियों को अनंतिम रूप से जब्त किया था, क्योंकि पूर्ववर्ती प्रमोटरों ने बैंकों को धोखा दिया था और निजी निवेश के लिए बैंक के फंड का गबन किया था। ईडी ने कहा कि 4,025 करोड़ की संपत्ति की वापसी पीएमएलए की धारा 8 ( 8 ) ( मुकदमा लंबित रहने तक वापसी) के तहत की गई है, जिसे पीएमएलए संपत्ति बहाली नियमों के नियम 3ए के साथ पढ़ा जाए। केंद्रीय जांच एजेंसी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (11 दिसंबर) को प्रवर्तन निदेशालय के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि आईबीसी की धारा 32ए (2) की व्याख्या, सीआईआरपी के तहत कॉर्पोरेट देनदारों की संपत्ति कुर्क करने की ईडी की शक्तियों या किसी अन्य संबंधित मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई राय व्यक्त नहीं की है। वहीं, मुद्दों को खुला छोड़ दिया है। उल्लेखनीय है कि ईडी ने यह कार्रवाई भूषण स्टील एंड पावर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला कंपनी और उसके प्रमोटरों के खिलाफ केंद्रीय कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की जांच और दायर आरोपपत्र के आधार पर की है।