इतिहास में प्रताप का अपमान, अकबर को बताया गया महान : मदन दिलावर

अगर किसी पाठ्य पुस्तक में प्रताप से बड़ा अकबर को बताया गया तो उसे किताब से हटा देंगे उदयपुर ( हिंस) । राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के शौर्य को नमन करते हुए कहा है कि अकबर की तुलना महाराणा प्रताप से करना और अकबर को महान बताना बेमानी है । इतिहास में महाराणा प्रताप की जगह अकबर को महान बताया गया, यह मेवाड़ का अपमान है। महाराणा प्रताप हमारे संरक्षक थे, जिन्होंने झुकना कभी स्वीकार नहीं किया। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर रविवार को मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय परिसर स्थित स्वामी विवेकानंद सभागार में शिक्षा विभाग के तत्वावधान में आयोजित 28वें राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि थे। इस दौरान पत्रकारों से संक्षिप्त वार्ता में उन्होंने कहा कि हमने सभी कक्षाओं की किताबें देख ली हैं। अभी तक किताबों में ऐसा नहीं है । यदि होगा तो सब किताबें पाठ्यक्रम से निकाल देंगे । उन्होंने कहा कि जिस मुगल शासक अकबर ने बड़ी संख्या में हत्याएं करवा दी थी। उस अकबर को इतिहासकार महान बताते रहे। जिन्होंने अकबर को महान पढ़ाया, उससे बड़ा दुश्मन इस मेवाड़ में और राजस्थान में नहीं हो सकता। वे शपथ लेकर कहते हैं कि राजस्थान की किसी किताब में कभी भी अकबर जैसे लुटेरे, आक्रमणकारी, बलात्कारी को सम्मान नहीं दिया जाएगा। वह महाराणा प्रताप से बड़ा कैसे हो सकता है वह तो लुटेरा और आक्रांता था । प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर उन्होंने परिणाम का इंतजार करने की बात कही। शिक्षा मंत्री ने कहा कि दूसरों की पीड़ा समझने वाला कभी साधारण नहीं हो सकता । शिक्षा के लिए दान देने वाले सभी भामाशाह देवतुल्य हैं, जो बच्चों की पढ़ाई में आने वाली पीड़ा को समझते हुए उनके लिए सुविधाएं जुटाने सहयोग करते हैं। पहली बार राजधानी जयपुर से बाहर उदयपुर में आयोजित हो रहे राज्य स्तरीय समारोह में शिक्षा मंत्री ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत ने वर्ष 1995 में भामाशाहों के सम्मान की परिपाटी शिक्षा विभाग शुरू की, जो आज भी जारी है। इसके सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं। इस वर्ष प्रदेश के विद्यालयों के लिए 140 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का सहयोग भामाशाहों के माध्यम से प्राप्त हुआ । उक्त राशि से विद्यालय में भौतिक सुविधाओं के साथ ही स्मार्ट क्लासेज, संसाधन आदि की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने दान का महत्व बताते हुए कहा कि जिस तरह कुएं से सिंचाई के लिए पानी निकालने पर कुछ ही घंटो में कुआं वापस भर जाता है, इसी प्रकार धन को सद्कर्म में लगाने से दुगुने लाभ की प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश में शैक्षणिक उन्नयन के लिए अहर्निश प्रयासरत है। शिक्षा मंत्री होने के नाते वे विश्वास दिलाते हैं कि भामाशाहों के द्वारा दान की गई राशि के एक-एक पैसे का सदुपयोग होगा । कार्यक्रम की अध्यक्षता जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने की। राज्य सभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, लोकसभा सांसद डॉ. मन्नालाल रावत, उदयपुर विधायक ताराचंद जैन, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, गोगुन्दा विधायक प्रताप गमेती, वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी, राजसमंद विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी, पूर्व विधायक बंशीलाल खटीक, जिला प्रमुख ममता पंवार, महापौर जीएस टांक, शासन सचिव स्कूल शिक्षा कृष्ण कुणाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आशीष मोदी, निदेशक संस्कृत शिक्षा पूनम सहित अन्य जनप्रतिनिधि बतौर विशिष्ट अतिथि मंचासीन रहे।

इतिहास में प्रताप का अपमान, अकबर को बताया गया महान : मदन दिलावर
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