आरबीआई ने जारी किया एमपीसी मिनटस
नई दिल्ली। इजराइल - हमास के बीच जारी संघर्ष से महंगाई पर जोखिम बना हुआ है । उच्च ब्याज दरों से फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ब्याज दर फिलहाल ऊंची बनी रहेगी। समय और वैश्विक स्तर पर अभरती स्थिति ही बताएगी कि यह कितने समय तक ऊंचे स्तर पर बनी रहेगी । कीमतों पर उन्होंने कहा, महंगाई में निरंतर कमी लाने के लिए आरबीआई अर्जुन की तरह नजर रखेगा। हमारा उद्देश्य खुदरा महंगाई को 4 फीसदी पर लाना है। इसके लिए हम हर जरूरी प्रयास करेंगे। कौटिल्य इकनॉमिक कॉन्क्लेव 2023 में दास ने इस बात पर जोर दिया कि मौद्रिक नीति महंगाई घटाने वाली होनी चाहिए। इसके ऐसा होने से ही जुलाई, 2023 में 7.44 फीसदी के उच्चतम स्तर खुदरा महंगाई में गिरावट जारी है। सितंबर में यह तीन माह के निचले स्तर 5.02 फीसदी पर आ गई। हालांकि, मौद्रिक नीति हमेशा चुनौतीपूर्ण रहती है और इसमें आत्मसंतुष्ट होने की कोई बात नहीं है । महंगाई, धीमी वृद्धि और वित्तीय स्थिरता के मोर्चे पर जोखिम है । पश्चिम एशिया संकट व क्रूड में तेजी का जनवरी, 2023 से अब तक रुपये में 0.6 फीसदी गिरावट आई है। इसी अवधि में अमेरिकी डॉलर 3 फीसदी टूटा है । इसलिए रुपया स्थिर है। सिर्फ 10 हजार करोड़ रुपये मूल्य के 2,000 होगा असर के नोट ही चलन में.. दास ने कहा, 2,000 रुपये के नोट वापस आ रहे हैं । अब सिर्फ 10,000 करोड़ रुपये मूल्य के नोट ही लोगों के पास हैं। ये नोट भी वापस आ जाएंगे या जमा करा दि जाएंगे। गवर्नर बोले, फिर से 1,000 रुपये के नोट नहीं आएंगे। हालांकि, कोई आधिकारिक सूचना नहीं आई है। गवर्नर ने कहा, मौजूदा भू-राजनीतिक संकट को देखते हुए दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने प्रमुख नीतिगत दरें बढ़ा दी हैं। हालांकि, महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने इस साल फरवरी से नीतिगत दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। यह 6.5 फीसदी पर स्थिर है। भारतीय मुद्रा में उतार-चढ़ाव पर दास ने कहा, एक भारत वैश्विक वृद्धि का नया इंजन बनने के लिए तैयार शक्तिकांत दास, गवर्नर, आरबीआई ने कहा कि हमारे आर्थिक बुनियादी सिद्धांत व वित्तीय क्षेत्र दोनों मजबूत हैं। भारत वैश्विक वृद्धि का नया इंजन बनने को तैयार है। चालू वित्त वर्ष में हमारी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। हालांकि, वैश्विक जीडीपी में पश्चिम एशिया में संकट के प्रभाव पर गवर्नर ने कहा, पिछले एक पखवाड़े में अमेरिकी बॉन्ड के रिटर्न में वृद्धि हुई है । इसका अन्य अर्थव्यवस्थाओं पर व्यापक असर पड़ता है। क्रूड की कीमतें भी बढ़ी हैं। ये कुछ अनिश्चितताएं हैं, लेकिन वे कुछ मामलों में और अधिक स्पष्ट हुई हैं। हर जगह जो भी हो रहा है, उसका असर हम पर पड़ता है। इसमें कोई संदेह नहीं है। अब जानें एमपीसी के बारे में मौद्रिक नीति समिति में कुल छह सदस्य हैं। इसमें, तीन आरबीआई अधिकारी तो तीन सरकार द्वारा नियुक्त सदस्य होते हैं। एमपीसी में तीन सरकारी नामांकित व्यक्ति हैं, जिसमें शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा । आरबीआई के कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन भी एमपीसी में शामिल हैं।
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