आरबीआई की ओर से सुरक्षित बैंकिंग के लिए नए निर्देश, और अधिक सुरक्षित होगा आरटीजीएस और एनईएफटी से लेनदेन

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में सभी बैंकों को एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि वे आरटीजीएस या एनईएफटी प्रणाली का उपयोग करते समय पैसा भेजने वाले खाताधारकों का नाम वैरिफाई करने की सुविधा प्रदान करें। इस सुविधा की शुरुआत करने के लिए, आरबीआई ने सभी बैंकों को 1 अप्रैल, 2025 तक की डेडलाइन दी है। आरबीआई के इस कदम से धन भेजने वाले लाभार्थी के खाते का नाम और ब्रांच आईएफएससी कोड इनपुट करने के बाद उनकी पहचान किया जा सकेगा। इस तरह गलत क्रेडिट और धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाएगी और ग्राहकों के लिए सुरक्षित लेनदेन सुनिश्चित होगा। रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) पेमेंट सिस्टम और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) सिस्टम के माध्यम से पैसा भेजने पर, लाभार्थी का नाम रिफाई करना आसान हो जाएगा। यह सुविधा ग्राहकों के बीच विश्वास और आत्मविश्वास को बढ़ाएगी। आरबीआई द्वारा यह निर्णय लिया गया है क्योंकि इससे ग्राहकों को ऑनलाइन लेनदेन के दौरान अधिक सुरक्षा और सहायता मिलेगी। इस प्रक्रिया को माध्यम से बैंक और उपभोक्ता दोनों को होने वाले किसी भी जोखिम को कम किया जा सकेगा। यह सुरक्षा की नई कड़ी में एक महत्वपूर्ण कदम है और इसके इम्पलीमेंटेशन से उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्राप्त होंगी। यहां तक कि भारतीय बैंकिंग सेक्टर में भुगतान प्रणालियों की दिशा में यह एक बड़ा और पहले से ही कीमती कदम साबित हो सकता है।

आरबीआई की ओर से सुरक्षित बैंकिंग के लिए नए निर्देश, और अधिक सुरक्षित होगा आरटीजीएस और एनईएफटी से लेनदेन
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