भागलपुर, (हि.स.)। सज्जादानशीन पीर दमड़िया शाह, शाह फखरे आलम हसन ने आज एक कार्यक्रम में कहा कि आरएसएस के सरसंचालक मोहन भागवत के द्वारा पुणे सम्मेलन में दिया गया भाषण स्वागत योग्य है। उनके द्वारा गंभीरतापूर्वक यह कहना कि रोज देश भर में हर जगह मंदिर ढूंढना भारतीय सभ्यता और सदियों से चली आ रही हिन्दू मुस्लिम गंगा जमुनी तहजीब के लिए खतरे का अलार्म है। ऐसा भारत और भारत की उन्नति के लिए बिल्कुल दुरुस्त नहीं है। कुछ लोग इस प्रयास में लगे हुए हैं कि मंदिर मस्जिद विवाद को देश भर में विस्तार दे कर बड़े नेता की छवि बना लें जो बिल्कुल उचित और मुमकिन नहीं है। यह देश हमेशा से प्यार और मोहब्बत और आपसी सद्भाव के साथ चलता आया है और आज आपसी समन्वय के साथ हर जाति और धर्म के लोगों को मिलकर सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है। सज्जादानशीन पीर दमड़िया शाह, शाह फखरे आलम हसन ने मोहन भागवत जी के पुणे में दिए गए बयान को स्वागत योग्य बताया है। उन्होंने कहा कि नफरत की पॉलिसी के साथ पूरे इतिहास में कभी किसी देश ने तरक्की नहीं की है। आज हिंदू मुस्लिम तथा सारे ही समुदाय और मजहब के लोगों को चाहिए की देश हित के लिए एकजुट हो कर सामूहिक प्रयास करें। नफरत की राजनीति से आज देश प्रेमी बुरी तरह आहत हैं। और लोगों के हाथों से रोजगार निकलता जा रहा है। यह बहुत ही चिंता का विषय है। सज्जादानशीन ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है की मोहन भागवत जी के द्वारा दिए गए मार्गदर्शन को गंभीरता से लेते हुए मुस्लिम समुदाय के उत्थान के लिए कुछ बड़ा कर मुस्लिम समाज के भरोसे को जीतने की कोशिश करनी चाहिए।