नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अपने को मजबूत करने के लिए कांग्रेस आरएसएस की तर्ज पर अपने कॉडर विकसित करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए पूरे राज्य से युवाओं को लाकर उन्हें विशेष कैंपों में रखकर दिन-रात्रि के प्रवास कार्यक्रम में कांग्रेसियत की ट्रेनिंग दी जा रही है। अपने कार्यकर्ताओं को इस तरह की ट्रेनिंग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दिया करता है, लेकिन अब कांग्रेस भी उसी मॉडल पर अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि इस ट्रेनिंग से 2027 के यूपी चुनाव को लेकर एक बेहतर टीम विकसित की जा सकेगी। आज पांच जनवरी को लखनऊ के चंद्रिका देवी मंदिर के पास एक रिजॉर्ट में 200 युवा कांग्रेस नेताओं का विशेष प्रशिक्षण शुरू हुआ है। आज से शुरू हुए इस प्रशिक्षण का उद्घाटन यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने किया। तीन दिन तक चलने वाले इस प्रशिक्षण शिविर में सुबह ही पार्टी कार्यकर्ताओं को सेवा दल के कार्यकर्ता झंडा उतारने, लगाने और वंदे मातरम का शुद्ध गायन करना सिखा रहे हैं। इसके बाद दिन भर की कार्यशाला में कांग्रेस की जिस नींव पर चलकर भारत ने एक गरीब देश से शुरुआत कर आज तक का सफर तय किया है, उसकी जानकारी दी जा रही है। कार्यकर्ताओं को कांग्रेस पार्टी का वह मूल समझाने की कोशिश की जा रही है जिसके सहारे आज के समाज को विघटित होने से बचाया जा सकता है। इन प्रशिक्षण शिविरों की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, महासचिव अविनाश पांडे और पार्टी के सांसद, पूर्व सांसद भी इसमें शामिल हो रहे हैं। वे अपने अनुभवों से कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें आने वाले समय में कांग्रेस के सामने आने वाली चुनौतियों और उससे निपटने के तरीके सुझा रहे हैं। अपने आप में यह महत्वपूर्ण है कि कांग्रेस इस तरह के युवा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण शिविर लगभग 20 वर्षों के बाद लगा रही है। इसमें युवाओं को कांग्रेस की परंपरागत टोपी, झंडा और कांग्रेसियत का महत्व बताया जा रहा है। कांग्रेस के फ्रंटल विभाग प्रकोष्ठों के प्रभारी विश्व विजय सिंह ने अमर उजाला से कहा कि इस समय देश में जिस तरह का माहौल चल रहा है, उसमें वैचारिकता का संकट सबसे बड़ा हो गया है।