नई दिल्ली। नई आतंकवाद रोधी नीति के तहत सभी राज्यों में विशेष प्रशिक्षित आतंकवाद रोधी दस्ता तैनात किया जाएगा। इसके अलावा सभी राज्यों में युवाओं को कट्टरपंथी बनने से रोकने के लिए विशेष यूनिट भी बनाई जाएगी। गृह मंत्रालय नई आतंकवाद रोधी नीति को अंतिम रूप में देने में जुटा है। पिछले महीने आतंकवाद रोधी सम्मेलन को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने जल्द ही नई आतंकवाद रोधी नीति लाने का एलान किया था। एनआइए द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों समेत आतंकवाद रोधी एजेंसियों के प्रमुख मौजूद थे। गृह मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि फिलहाल 18 राज्यों में आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) या स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का गठन किया गया है, जो पूरी तरह से आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए समर्पित है। नई आतंकवाद रोधी नीति में सभी राज्यों में इस तरह से विशेष प्रशिक्षत दस्ते की तैनाती का प्रविधान किया जाएगा। इसमें इस विशेष प्रशिक्षत दस्तों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का भी प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत इन विशेष दस्तों को एनएसजी द्वारा अनुमोदित हथियारों से लैस किया जाएगा और एनएसजी द्वारा उन्हें प्रशिक्षत किया जाएगा। सभी राज्यों में इन दस्तों के गठन के बाद वे पूरे भारत में एक आतंकवाद रोधी ग्रिड के रूप में काम करेंगे। नई आतंकवाद रोधी नीति में सिर्फ आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई ही नहीं, बल्कि उनके पूरे इकोसिस्टम से निपटने का प्रविधान भी किया जा रहा है। इसके तहत सभी राज्यों में युवाओं को कट्टरपंथी बनने से रोकने के लिए विशेष यूनिट भी बनाई जाएगी । इस यूनिट का काम कट्टरपंथ फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही उनके बहकावे में आए युवाओं को वापस मुख्यधारा में जोड़ना भी होगा। इसी तरह से आतंकी फंडिंग रोकने के लिए सभी राज्यों में विशेष फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट भी गठित की जाएगी, जिसका काम आतंकी फंडिंग से जुड़े लेन-देन की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करना होगा। नई नीति में आतंकवाद से जुड़ी सभी खुफिया जानकारी पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए मानक कार्यवाही का तरीका (एसओपी) भी तैयार किया जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नई नीति पर सभी राज्यों के साथ बातचीत जारी है और नए साल की शुरुआत में ही इसे लागू कर दिया जाएगा।