नई दिल्ली, (हि.स.)। पोरबंदर तट के पास अरब सागर में गिरे भारतीय तटरक्षक बल (आ- (ईसीजी) के एएलएच ध्रुव का मलबा बरामद होने के बाद सर्च ऑपरेशन के दौरान चालक दल के दो सदस्यों के शव मिल गए हैं। इसके बाद आईसीजी ने अपने एएलएच ध्रुव बेड़े की सुरक्षा जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें उड़ान नियंत्रण और ट्रांसमिशन सिस्टम पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। घटना की गहन जांच होने तक मल्टी मिशन हेलीकॉप्टरों की उड़ानों पर रोक लगा दी गई है। गुजरात में चक्रवाती मौसम के दौरान बिगड़े हालातों का मुकाबला करने और राहत एवं बचाव कार्य के लिए भारतीय तटरक्षक बल के एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) ध्रुव को लगाया गया था। दो सितंबर की रात लगभग 11 बजे मेडिकल निकासी मिशन पर निकले एएलएच हेलीकॉप्टर में दो पायलट और दो गोताखोर सवार थे। ऑपरेशन के दौरान इन्हें समुद्र में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। यह घटना उस समय हुई जब हेलीकॉप्टर निकासी के लिए पोत के पास पहुंच रहा था। इसके बाद सर्च ऑपरेशन के दौरान 03 सितम्बर को हेलीकॉप्टर का मलबा मिल गया और एक गोताखोर को बरामद कर लिया गया । हेलीकॉप्टर तट रक्षक के दोनों लापता पायलटों और एक गोताखोर की तलाश में 04 जहाजों और दो विमानों को लगाया गया। भारतीय तटरक्षक बल ने लापता कमांडेंट राकेश राणा, सह-पायलट डिप्टी कमांडेंट विपिन बाबू और एक अन्य फ्लाइट डाइवर के शव बरामद किए हैं, जो ध्रुव उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच एमके-III ) के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद लापता हो गए थे । घटना के मद्देनजर तटरक्षक बल ने उड़ान नियंत्रण और ट्रांसमिशन सिस्टम पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपने एएलएच बेड़े का एक बार स- रक्षा निरीक्षण करने का आदेश दिया है। बेड़े को अस्थायी रूप से जमीन पर उतार दिया गया है तटरक्षक बल 16 एएलएच संचालित करता है, जिन्हें बेंगलुरु स्थित विमान निमार्ता हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने डिजाइन और विकसित किया है। अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी से पता चला है कि तटरक्षक बल के पोरबंदर स्थित 835 स्क्वाड्रन का हेलीकॉप्टर (टेल नंबर सीजी 863) समुद्र में नाक के बल गिरा था। सभी तटरक्षक इकाइयों और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को भेजे गए आदेश में अगली उ- ड़ान से पहले आईसीजी ध्रुव बेड़े की जांच कर- के रिपोर्ट कोस्ट गार्ड मुख्यालय को भेजने के लिए कहा गया है। सुरक्षा निरीक्षण में कई तकनीकी जांच को दायरे में रखा गया है, जिससे हेलीकॉप्टरों पर स्थापित उन्नत नियंत्रण प्रणाली से उनकी उड़ान योग्यता में सुधार हो सके। दर- असल, भारतीय सेना के ध्रुव बेड़े को पिछले साल कई दुर्घटनाओं के बाद डिजाइन की समस्या से जूझना पड़ा था, जिसके कारण उड़ान सुरक्षा रिकॉर्ड पर सवाल उठने लगे थे। उस समय सेना के ध्रुव बेड़े की उड़ान पर रोक लगाई गई थी। इसके बाद हेलीकॉप्टर के बूस्टर कंट्रोल रॉड की व्यापक डिजाइन समीक्षा की गई, जिसके बाद प्रत्येक एएलएच में दोषपूर्ण मौजूदा रॉड को नई रॉड से बदलने का अभियान चलाया गया। अब आईसीजी के ध्रुव हेलीकॉप्टर के साथ यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब पिछले साल कई दुर्घटनाओं के बाद सेना के एएलएच बेड़े की एचएएल ने सुरक्षा जांच पूरी करके बेड़े को अपग्रेड कर दिया है। सशस्त्र बल लगभग 330 ट्विन इंजन एएलएच संचालित करते हैं।