कछार (हिंस) । होटल और रेस्टोरेंट के बाद अब चिकित्सा क्षेत्र में भी बांग्लादेशी नागरिकों के इलाज का बहिष्कार करने की मांग जोर पकड़ रही है। सिलचर की एक स्वयंसेवी संस्था जय राधे सेवा समिति ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर राज्य के निजी अस्पतालों और डॉक्टर समुदाय से इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने का आह्वान किया। संस्था के पदाधिकारियों का कहना है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार अमानवीय हैं। देश में अल्पसंख्यक उत्पीड़न चरम सीमा पर पहुंच गया है। इसके साथ ही, वहां के तथाकथित बुद्धिजीवी, आंदोलनकारी और छात्र संगठन भारत विरोधी विचारधारा को बढ़ावा दे रहे हैं। अंतरिम सरकार ने भी राजनयिक स्तर पर भारत विरोधी रुख अपनाए हुए हैं। यहां तक कि बांग्लादेश के विभिन्न स्थानों पर सार्वजनिक रूप से भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया जा रहा है। इन परिस्थितियों में अगर अगरतला, श्रीभूमि और सिलचर के होटलों और रेस्टोरेंटों में बांग्लादेशी नागरिकों का बहिष्कार किया जा सकता है, तो चिकित्सा क्षेत्र में भी ऐसा ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर महीने चिकित्सा सेवाओं के लिए असम में हजारों बांग्लादेशी नागरिक आते हैं। केवल सिलचर में ही हर महीने पांच हजार से 10 हजार बांग्लादेशी नागरिक इलाज कराने आते हैं। इससे राज्य के चिकित्सा संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है। ऐसे में, राज्य के सभी निजी अस्पतालों और डॉक्टरों से बांग्लादेशी नागरिकों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने से रोकने की मांग की गई है। संस्था ने राज्य के निजी अस्पताल प्रबंधन से इस दिशा में कदम उठाने का आह्वान किया है।