असम में गोमांस पर बैन

गुवाहाटी । असम की हिमंत विश्व सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने राज्य के होटल-रेस्टोरेंट में गोमांस पर बैन लगाया दिया है। सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके बताया कि मंत्रिमंडल ने राज्य के होटलों, रेस्टोरेंट्स और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि असम में गो-हत्या रोकने के लिए हम 3 साल पहले कानून लाए थे । इस कानून से हमें गो-हत्या के खिलाफ काफी सफलता मिली है। अब हमने फैसला लिया है कि राज्य में किसी होटल, रेस्टोरेंट या सार्वजनिक स्थान पर बीफ नहीं परोसा जाएगा। पहले हमारा फैसला था कि किसी मंदिर के 5 किलोमीटर दायरे तक गोमांस नहीं परोसा जाएगा। हिमंत विश्व शर्मा के इस फैसले के बाद सरकार में मंत्री पीजूष हजारिका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने असम कांग्रेस को चैलेंज किया है। हजारिका ने कहा कि मैं असम कांग्रेस को चुनौती देता हूं कि वो गोमांस प्रतिबंध का स्वागत करे या फिर पाकिस्तान जाकर बस जाए। असम सरकार का ये फैसला उस वक्त आया है जब राज्य में गोमांस को लेकर सियासत तेज है। बीते दिनों भाजपा पर आरोप लगा था कि सामागुड़ी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा की ओर से गोमांस बांटा गया। ये सीट मुस्लिम बहुल है। उपचुनाव में इस सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी । इन सियासी आरोपों के बीच असम के मुख्यमंत्री ने कहा था, अगर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख भूपेन बोरा पत्र लिखकर गोमांस पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध करें तो वो राज्य में गोमांस पर बैन लगा देंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बताएगी क्या वो वोटर्स गोमांस पेशकश करके उन्हें ये बात केवल लिखित में देनी है । आपको बता दें कि असम से कांग्रेस के सांसद रकीबुल हुसैन ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि पार्टी ने नगांव जिले के सामगुरी विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम वोटरों को रिझाने के लिए बीफ पार्टी का आयोजन किया था। इसी आई है । रकीबुल हुसैन को मैं बताना चाहता हूं कि गोमांस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उन्होंने खुद कहा है कि ये गलत है। अब बस पर पलटवार करते हुए कुछ दिन पहले ही असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा था कि अगर असम कांग्रेस के अध्यक्ष उन्हें पत्र लिखकर बीफ बैन की मांग करें, तो वह इसे लागू करने के लिए तैयार हैं। भारत एक ऐसा देश है, जहां लगभग 80 फीसदी आबादी हिंदू है। हिंदू गाय को पूजते हैं। यही वजह है कि देश में गोमांस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग लंबे वक्त से हो रही है। कुछ राज्यों में ऐसी व्यवस्था है भी। लेकिन अभी भी कई राज्य ऐसे हैं, जहां गोमांस बेचने की छूट कानून में मिली हुई है। इन राज्यों में केरल, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम और लक्षद्वीप (केंद्रशासित प्रदेश ) शामिल हैं। असम भी इन्हीं राज्यों में से एक था, लेकिन अब हिमंत सरकार के फैसले के बाद वह गोमांस पर प्रतिबंध वाले राज्यों की सूची में शामिल हो गया है। जिन राज्यों में गोमांस पर पूरी तरह से बैन है, इसमें जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली और चंडीगढ़ (केंद्रशासित प्रदेश) शामिल हैं। गोहत्या पर भारत में कोई केंद्रीय कानून नहीं है। अलग-अलग राज्य अपने अनुसार नियमों को तय करते हैं। जैसे हरियाणा में गो हत्या कानून के उल्लंघन पर एक लाख रुपए का जुर्माना और 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। छत्तीसगढ़ एकलौता ऐसा राज्य है, जहां गो वंश के साथ-साथ भैंस के मांस पर भी बैन लगा है। बिहार, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा और केंद्र शासित प्रदेशों- दमन व दीव, दादर और नागर हवेली, पुडुचेरी और अंडमान निकोबार में आंशिक रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। वहीं ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के विधायक और पार्टी महासचिव डॉ हाफिज रफीकुल इस्लाम ने कहा कि कैबिनेट को यह तय नहीं करना चाहिए कि लोग क्या खाएंगे या क्या पहनेंगे ? भाजपा गोवा में गोमांस पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती, वे पूर्वोत्तर राज्यों में गोमांस पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते, फिर असम में क्यों ? हम इस निर्णय पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। मालूम हो कि मौजूदा असम मवेशी संरक्षण अधिनियम 2021 के अनुसार, उन क्षेत्रों में गोमांस और गोमांस उत्पादों की बिक्री या खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया गया था जो मुख्य रूप से हिंदू, जैन, सिख और अन्य गैर गोमांस खाने वाले समुदायों द्वारा बसाए गए हैं या किसी मंदिर या अन्य धार्मिक संस्थान के 5 किलोमीटर के दायरे में हैं ।

असम में गोमांस पर बैन
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