असम कैबिनेट का ऐतिहासिक फैसला श्रीभूमि के नाम से जाना जाएगा करीमगंज जिला

गुवाहाटी । असम सरकार ने करीमगंज जिले का नाम बदलने का एलान किया है। यह फैसला असम कैबिनेट की बैठक में लिया गया और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने खुद इस बदलाव की जानकारी दी। अब करीमगंज को श्रीभूमी के नाम से जाना जाएगा। यह फैसला राज्य सरकार द्वारा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि करीमगंजशब्द असमिया और बांग्ला दोनों ही भाषाओं में कोई स्पष्ट या प्रासंगिक अर्थ नहीं रखता। उन्होंने यह भी कहा कि इस नाम को बदलकर श्रीभूमीरखने से जिले की पहचान को एक नया और सांस्कृतिक संदर्भ मिलेगा, जो असम की विविधता और इतिहास से मेल खाता है। सीएम शर्मा ने इस फैसले को असम की सांस्कृतिक धरोहर को सशक्त बनाने के रूप में प्रस्तुत किया है। उनका कहना था कि श्रीभूमी नाम इलाके की ऐतिहासिक और धार्मिक पृष्ठभूमि को उजागर करेगा। यह कदम असम के स्थानीय लोगों की परंपराओं और विरासत से जुड़ा हुआ है, और इस नाम से क्षेत्र की पहचान में एक नया आयाम जुड़ सकता है। उधर इस निर्णय को लेकर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। जहां कुछ लोग इस बदलाव का स्वागत कर रहे हैं, वहीं कुछ इसे प्रतीकात्मक कदम मानते हुए सवाल उठा रहे हैं कि क्या इससे क्षेत्र के विकास या सामाजिक स्थिति में कोई वास्तविक बदलाव आएगा। इस के साथ ही असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने राज्य में होने वाले आगामी पंचायत चुनावों और अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में कई अहम घोषणाएं की हैं। सीएम शर्मा ने घोषणा की कि असम में पंचायत चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले चरण की वोटिंग प्रक्रिया और चुनाव की तैयारी दिसंबर 2023 में शुरू होगी, जबकि चुनाव की पूरी प्रक्रिया अगले साल 10 फरवरी तक पूरी हो जाएगी। चुनाव की नामावली 30 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी, जिससे उम्मीदवारों और मतदाताओं के लिए सभी जानकारी उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री शर्मा ने यह भी बताया कि असम राज्य 24 फरवरी 2024 को असम निवेश और बुनियादी ढांचा शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा । इस शिखर सम्मेलन में निवेशकों, उद्योगपतियों और सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा लेंगे। यह सम्मेलन राज्य में औद्योगिक और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच होगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मेलन में शामिल होने की पुष्टि की और इस मौके को राज्य के लिए एक ऐतिहासिक अवसर बताया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में होने वाले इस शिखर सम्मेलन से असम के विकास और निवेश संभावनाओं को नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। असम सरकार ने दोनों प्रमुख घटनाओं पंचायत चुनाव और शिखर सम्मेलन के लिए व्यापक तैयारियों की योजना बनाई है। पंचायत चुनाव के जरिए राज्य के ग्रामीण इलाकों में स्थानीय सरकारों को सशक्त बनाने का उद्देश्य है, जबकि शिखर सम्मेलन राज्य को निवेश के लिहाज से आकर्षक बनाना और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में नई पहल करना है। इन घोषणाओं से असम के राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि बांग्लादेश के नौ लोगों को मंगलवार को करीमगंज जिले में अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के आरोप में असम पुलिस ने पकड़ा और पड़ोसी देश के अधिकारियों को सौंप दिया। पकड़े गए व्यक्तियों की पहचान मोहम्मद मामून, अब्बू नईम, राशेद इस्लाम, मोराद अली मंडल, मोहम्मद असराफुल हक, मोहम्मद बसीर हवलदार, मोहम्मद रोबिउल हवलदार, मोहम्मद महाबत अली, मोहम्मद मोहिम हुसैन के रूप में की गई है।

असम कैबिनेट का ऐतिहासिक फैसला श्रीभूमि के नाम से जाना जाएगा करीमगंज जिला
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