
जिसका उद्देश्य गुवाहाटी और सिलचर के बीच संपर्क बढ़ाना है। यह एक्सप्रेसवे मेघालय के उमियाम (बारापानी) से होकर गुजरेगा, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय घटकर सिर्फ चार घंटे रह जाएगा। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने इस परियोजना को राज्य के बुनियादी ढांचे के लिए एक प्रमुख मील का पत्थर बताया। उन्होंने बताया कि यह एक्सप्रेसवे ब्रह्मपुत्र और बराक घाटियों के बीच कनेक्टिविटी को काफी बढ़ाएगा, जिससे गुवाहाटी और सिलचर के बीच एक ही दिन में यात्रा सुनिश्चित होगी । उमियम, जो एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, के माध्यम से नियोजित मार्ग से असम और मेघालय के बीच व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। चार लेन वाली यह सड़क पंचग्राम तक औद्योगिक पहुंच को भी बेहतर बनाएगी, जो एक महत्वपूर्ण केंद्र है और यहां एक पेपर मिल और अन्य उद्योग हैं । यह एक्सप्रेसवे व्यापक बुनियादी ढांचा विकास अभियान का हिस्सा है। असम की कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बेहतर बनाने के लिए कई बड़े पैमाने पर विकास कार्य चल रहे हैं,जिसमें बंगाईगांव रिफाइनरी विस्तार क्षमता में पांच मिलियन मीट्रिक टन की वृद्धि होगी । नामरूप उर्वरक संयंत्र विस्तार – कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए 10,000 करोड़ रुपए का निवेश गुवाहाटी रिंग रोड परियोजना- शहरी भीड़भाड़ को कम करने का लक्ष्य । काजीरंगा एलिवेटेड कॉरिडोर परिवहन को आसान बनाते हुए वन्यजीव संरक्षण सुनिश्चित करना। नुमलीगढ़-गोहपुर सड़क सुरंग और ब्रह्मपुत्र पुल क्षेत्रीय संपर्क में सुधार और नई सेटेलाइट टाउनशिप – जगीरोड और पलासबारी में 10,000 करोड़ रुपए की लागत की दो परियोजना शामिल हैं। एडवांटेज असम 2.0 शिखर सम्मेलन में 1.89 लाख करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद है। पहले दिन 164 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे निवेशकों की गहरी दिलचस्पी का पता चलता है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पूर्वोत्तर में परिवहन नेटवर्क को बढ़ाने के लिए नई सड़क और रेलवे परियोजनाओं सहित 55,179 करोड़ रुपए के बुनियादी ढांचा पैकेज की भी घोषणा की। रेलवे और जलमार्ग संपर्क में सुधारअसम में रेल संपर्क को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके तहत गुवाहाटी को सिलचर और अगरतला से जोड़ने के लिए दो नई इंटरसिटी ट्रेनें शुरू की गई हैं। 2014 से रेलवे नेटवर्क में 1,824 किलोमीटर का विस्तार हुआ है और माल बुलाई को बढ़ावा देने के लिए नए गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों का उपयोग माल और यात्री परिवहन के लिए किया जाएगा, जिससे नए व्यापार अवसर पैदा होंगे और आर्थिक विकास में तेजी आएगी।
