अब से 5वीं और 8वीं कक्षा में फेल होने पर विद्यार्थी नहीं जा सकेंगे अगली क्लास

नई दिल्ली (हि.स.) । केंद्र सरकार ने बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमों में संशोधन करते हुए नो डिटेंशन पॉलिसी को खत्म कर दिया है। इससे अब राज्यों को पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को परीक्षा में फेल होने पर भी अगली कक्षा में भेजने की बाध्यता से मुक्ति मिल गई है। संशोधित नियम के तहत 5वीं और 8वीं की वार्षिक परीक्षा में असफल हो जाने वाले विद्यार्थियों को दो महीने के दोबारा परीक्षा देनी होगी। यदि वे दोबारा भी सफल नहीं होते हैं तो उनको अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने सोमवार को कहा कि मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि पांचवीं और आठवीं कक्षा में सभी प्रयास करने के बाद यदि रोकने की आवश्यकता पड़े तो रोका जाए। इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि आठवीं कक्षा तक किसी भी बच्चे को स्कूल से निष्कासित नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हम यह भी चाहते हैं कि बच्चों का लर्निंग आउट कम बेहतर हो। इसको प्रयास में लाने के लिए पढ़ाई में कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान भी दिया जा सकेगा। नियमों में किए गये बदलावों से यह संभव हो सकेगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है । इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार, निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 ( 2009 का 35 ) की धारा 38 की उपधारा (2) के खंड (चक) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम 2010 का और संशोधन करने के लिए नियम बनाती है। इन नियमों का संक्षिप्त नाम निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) नियम, 2024 है।

अब से 5वीं और 8वीं कक्षा में फेल होने पर विद्यार्थी नहीं जा सकेंगे अगली क्लास
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