
जोधपुर ( हिंस) । बहुचर्चित अनिता चौधरी हत्याकांड मामले में अब केंद्रीय जांच ब्यूरो ने भी केस दर्ज करने के बाद बड़े स्तर पर इसकी पड़ताल में जुटी है। शुक्रवार को सीबीआई टीम एसपी राजपाल सिंह के सुपरविजन में ब्यूटीशियन अनिता चौधरी के ब्यूटी पार्लर स्थल पर पहुंची और साक्ष्य जुटाए, साथ ही कारोबारी तैयब अंसारी के निवास पर भी पड़ताल की। मामले में मृतका ब्यूटीशियन अनिता चौधरी के पति का कहना है कि उन्हें सीबीआई जांच पर पूर्ण भरोसा है । उसके पति और पुत्र से सीबीआई की टीम पहले ही पूछताछ कर चुकी है। मामले को लेकर गत 3 फरवरी को सीबीआई केस दर्ज किया था। जिसमें कारोबारी तैयब अंसारी को भी नामजद किया गया था। अनिता चौधरी की सहेली सुमन सैन के घर पर भी पड़ताल की जा रही है। सीबीआई पहले ही एक केस लवली कंडारा की जांच में जोधपुर में बैठी है और जांच पड़ताल में जुटी है। इधर अनिता चौधरी हत्याकाण्ड को लेकर काफी समय से परिजन की तरफ से सीबीआई जांच की मांग की जाती रही है। राज्य सरकार से भी सीबीआई जांच की मांग रखी गई थी। पुलिस द्वारा प्रकरण से जुड़े आरोपीं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किए जाने के बाद 3 फरवरी को सीबीआई में केस दर्ज किया गया था। बता दें कि जोधपुर कमिश्नरेट पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट पेश की थी। पुलिस ने अनिता हत्याकांड में मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन और उसकी पत्नी आबिदा को ही आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। जांच अधिकारी एडीसीपी (महिला अपराध अनुसंधान सेल पश्चिम) सुनील के पंवार ने नियत समय में मामले की जांच कर गत तीस जनवरी को कोर्ट में यह चार्जशीट पेश कर दी, जिसमें गुलामुद्दीन द्वारा अनिता की हत्या कर टुकड़ों में काटना और उसकी पत्नी को उसका सहयोगी माना है। जांच अधिकारी सुनील के पंवार ने बताया था कि अनिता चौधरी की हत्या लूट के इरादे से की गई थी। गत 27 अक्तूबर को अनिता अपने पार्लर से गुलामुद्दीन के घर गई, तो वह उसे एस्कॉर्ट कर रहा था। नशीला पदार्थ पिलाकर उसे बेहोश किया गया। उसके पहने हुए जेवर उसने उतार लिए। अपनी पत्नी को उसकी बहन के घर भेज दिया। अगले दिन 28 अक्तूबर को सुबह जब अनिता नहीं उठी, तो वह घबरा गया। बेहोशी की हालत में उसने सिर फोड़कर हत्या कर दी। शव को ठिकाने लगाने के लिए उसने सरदारपुरा से एक तेज चाकू खरीदा जिससे छह टुकड़े कर शव गाड़ दिया था। पुलिस ने इस हाइप्रोफाइल मामले में एक प्रॉपर्टी डीलर को भी कई दिनों तक हिरासत में रखा था। लेकिन उसके खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिले, जिसके चलते उसे छोड़ना पड़ा।
