
अजमेर (हिंस)| अजमेर की जिला एवं सत्र न्यायालय स्थित न्यायाधीश मनमोहन चंदेल की अदालत ने अजमेर मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने के वाद में अगली तारीख 19 अप्रैल दी है। शनिवार 1 मार्च 25 को अदालत नहीं लगने के कारण बिना किसी सुनवाई के 19 अप्रैल 25 की तारीख तय की गई। गौरतलब है कि इससे पहले वादी पक्ष राष्ट्रीय हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता की ओर से का जवाब दिया गया था। वहीं दूसरे पक्ष की ओर मामले में पक्षकार बनने के लिए पूर्व में लगी 6 अर्जियां के अलावा 5 नई अर्जियां भी दाखिल की गई थी। इस तरह मामले में अब तक पक्षकार बनने के लिए कुल 11 अर्जियां कोर्ट में पेश हो चुकी हैं, लेकिन इन सभी अर्जियों पर जवाब देने के लिए वादी विष्णु गुप्ता के अधिवक्ता ने समय मांगा था। इसी के साथ दरगाह कमेटी के द्वारा पूर्व तारीख पर लगाई गई अर्जी पर जिसमें, अर्जी के जरिए वाद को ही खारिज करने की बात कही गई सरवादी विष्णु गुप्ता ने जवाब पेश किया। दरगाह कमेटी व अन्य ने जवाब को पढ़ने के लिए अदालत से समय मांगा था। अदालत ने मामले में तब अगली सुनवाई 1 मार्च 25 को किया जाना तय किया था किंतु 1 मार्च को ब्यावर जिले के बिजयनगर पुलिस थाना क्षेत्र में स्कूली नाबालिग छात्राओं के साथ समुदाय विशेष के युवकों द्वारा देहशोषण, दुष्कर्म करने तथा ब्लैकमेल कर उनका धर्मांतरण कराए जाने के घटना को लेकर अजमेर व ब्यावर सहित समूचे राजस्थान में आक्रोश व्यापत हो गया उसी के क्रम में 1 मार्च को अजमेर सकल हिंदू समाज ने संपूर्ण जिला बंद का आह्वान किया था उसी के परिणाम स्वरूप अजमेर जिला बार एसोसिएशन व राजस्थान राजस्व बार एसोसिएशन अजमेर ने भी बंद का समर्थन व्यक्त किया था। लिहाजा कोर्ट नहीं लगने से मामले में 19 अप्रैल की तारीख तय की गई ।
