अगरतला ( हिंस)। 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत की ऐतिहासिक जीत को चिह्नित करते हुए भारतीय सेना ने अगरतला के प्रतिष्ठित अल्बर्ट एक्वा वॉर मेमोरियल में 53वें विजय दिवस का भव्य आयोजन किया। इस अवसर पर देश ने उन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। त्रिपुरा का इस युद्ध में विशेष योगदान रहा है, जिसने भारतीय सेना की सफलता में अहम भूमिका निभाई। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण एक भावपूर्ण पुष्पांजलि समारोह था, जिसका नेतृत्व त्रिपुरा के राज्यपाल इंद्र सेना रेड्डी नल्लू ने किया। उनके साथ रेड शील्ड डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ( जीओसी), मेजर जनरल समीर शरण कार्तिकेय, और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे । उद्योग और वाणिज्य मंत्री संताना चकमा ने भी समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने वाला एक अनूठा और चुनौतीपूर्ण साइकिल अभियान था, जिसे 2 दिसंबर को डिमापुर से लेफ्टिनेंट जनरल अभिजीत एस. पेंढारकर, एवीएसएम, वाईएसएम, जीओसी स्पीयर कॉर्स ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। यह अभियान 500 किमी से अधिक की दूरी तय करते हुए तीन राज्यों से होकर अगरतला पहुंचा। इस दौरान साइकिल सवारों ने स्थानीय समुदायों से जुड़कर युद्ध वीरों और वीर नारियों को सम्मानित किया। साथ ही जरूरतमंदों को व्हीलचेयर और वॉकर जैसे चिकित्सा उपकरण प्रदान किए। शाम के समारोह में पर्यटन और परिवहन मंत्री सुशांत चौधरी, राज्य सरकार के अधिकारी और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। सांस्कृतिक कार्यक्रम में देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत प्रस्तुतियों ने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंत्री 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले त्रिपुरा के वीरों का सम्मान किया और विजय दिवस के हिस्से के रूप में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कार वितरित किए। अपने संबोधन में उन्होंने शहीदों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और 1971 के युद्ध में भारतीय सेना की निर्णायक भूमिका को रेखांकित किया। कार्यक्रम का समापन एक विशेष बड़ाखाना साथ हुआ, जिसमें भूतपूर्व सैनिकों (ईएसएम) और अगरतला के सैनिकों ने भाग लिया। इस आयोजन ने न केवल हमारे नायकों का सम्मान किया, बल्कि उनकी विरासत को संजोने और आगे बढ़ाने के लिए नई प्रेरणा दी।