चंडीगढ़( हिंस) । कुरुक्षेत्र में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव से ही इस क्षेत्र को शिल्प और लोक कला केंद्र के रूप में एक अनोखी पहचान मिल रही है। पूरा आयोजन स्थल विभिन्न राज्यों की शिल्प और लोक कला का संगम दिख रहा है। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के प्रवक्ता ने बताया कि गीता महोत्सव में शिल्पकारों की कला आकर्षण का केंद्र बिंदु बने हैं। यहां आने वाले दर्शकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पर्यटकों को ब्रह्मसरोवर के घाटों पर उतराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, मिजोरम, मेघालय, असम, त्रिपुरा, लदाख, वेस्ट बंगाल आदि राज्यों के लोक नृत्यों की प्रस्तुतियां लोगों का मन मोह रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान ब्रहमसरोवर के पावन तट पर सजे विभिन्न प्रदेशों के तरह-तरह के लजीज व्यंजन जैसे राजस्थान की कचौरी, पंजाब की लस्सी, बिहार का लिटी चोखा, कश्मीर का कहवा पर्यटकों खूब को लुभा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गीता की स्थली कुरुक्षेत्र की गोद में देश की लगभग सभी राज्यों की लोक कला और संस्कृति का संगम दिख रहा है।