होम लोन लेने वालों पर दर में कटौती का होगा असर

होम लोन लेने वालों पर दर में कटौती का होगा असर
होम लोन लेने वालों पर दर में कटौती का होगा असर

रेपो दर से जुड़े ऋण पर दर में कटौती का प्रभाव तेजी से दिखेगा

नई दिल्ली भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में बेंचमार्क रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती करते हुए उसे 6.25 फीसदी कर दिया। आरबीआई के इस फैसले से होम लोन, ऑटो लोन या पर्सनल लोन के फ्लोटिंग रेट यानी लचीले ब्याज दर वाले उधारकर्ताओं को फायदा होगा। होम लोन लेने वालों के लिए रेपो दर में कटौती का लाभ उनके बकाया मूलधन और ब्याज दर पर निर्भर करेगा।उदाहरण के लिए, अगर किसी ने 75 लाख रुपये का होम लोन 20 साल की अदायगी अवधि के साथ लिया है और ब्याज दर को 9 फीसदी से घटाकर 8.75 फीसदी कर दिया गया तो उनकी ईएमआई 67,479 रुपये से घटकर 66,278 रुपये रह जाएगी । अगर एक साल तक दरों में कोई बदलाव नहीं होता है तो इससे ग्राहक को 1,201 रुपये की मासिक और 14,412 रुपये की वार्षिक बचत होगी। रेपो दर से जुड़े ऋण पर दर में कटौती का प्रभाव तेजी से दिखेगा। पैसा बाजार के एक अधिकारी ने कहा कि मौजूदा उधारकर्ताओं के लिए रेपो दर में कटौती के प्रभाव की वास्तविक तारीख संबंधित ऋणदाता द्वारा दर में बदलाव की तिथि पर निर्भर करेगी। तब तक उन्हें अपने मौजूदा दरों पर ही अदायगी जारी रखनी होगी। उन्होंने कहा कि सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) से जुड़े ऋण पर रेपो दर में कटौती का प्रभाव दिखने में देरी हो सकती है । भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) में एक पंजीकृत निवेश सलाहकार ने कहा कि अगर उधारकर्ता अनुरोध करें तो बैंक अदायगी की अवधि में कोई बदलाव न करते हुए उन्हें अपनी ईएमआई कम करने की भी इजाजत दे सकते हैं। उधारकर्ताओं को अपनी वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए ईएमआई में कमी करने अथवा अदायगी की अवधि घटाने का चयन करना चाहिए ।

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