हिंसा में विस्थापित लोगों की संपत्तियों को न हड़पें : सरकार
इंफाल। पूर्वोत्तर राज्य में पांच महीनों से चली आ रही हिंसा के कारण भागे लोगों की संपत्तियों को लेकर मणिपुर सरकार ने आदेश जारी किया है । जिसमें कहा गया कि हिंसा के कारण भागे लोगों की संपत्तियों पर अतिक्रमण न करें। आदेश में कहा गया कि इससे राज्य में कानून व्यवस्था खराब हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए मणिपुर सरकार ने विस्थापित लोगों की संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित और उनके अतिक्रमण को रोकने का निर्देश दिया है। गृह विभाग ने कहा यदि ऐसा होता है तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि राज्य सरकार | का आदेश उन रिपोर्ट्स के बीच आया है, जिसमें कहा गया कि विस्थापित स्थानीय लोगों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। कई लोगों की संपत्तियों को तबाह किया गया है। आदेश में साफतौर पर कहा गया कि राज्य सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर गंभीर विचार कर रही है । यदि कोई ऐसा करता है, तो इससे राज्य में कानून व्यवस्था खराब हो सकती है। साथ ही आदेश के जरिए उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को कार्रवाई करने और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने की सलाह दी गई है। अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 3 मई को आयोजित आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद भड़की हिंसा में 180 से अधिक लोग मारे गए थे । मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं, जो पहाड़ी जिलों में रहते हैं ।