गुवाहाटी (हिंस)। सोनापुर में कचुतली के परगोमा में डोर-टू-डोर लाल रंग का स्ट्रीकर लगाया गया है। इन स्टीकरों पर प्रोटेक्टेड लैंड अंडर लैंड बैंक लिखा हुआ है। यह स्टीकर कामरूप (मेट्रो) जिला मजिस्ट्रेट द्वारा लगाया गया है। जिन स्थानों पर यह स्टीकर लगाया गया है उन स्थानों पर बने घरों को शीघ्र ही प्रशासन द्वारा खाली कराया जाएगा। सरकार राज्य के प्रत्येक जिले में लैंड बैंक के तहत सरकारी भूमि को अपने कब्जे में ले रही है। नए नियम के अनुसार खाली पड़े सरकारी जमीन सरकार के लैंड बैंक के अधीन हो जाएंगे । बगैर किसी कागजात या परमिशन के सरकारी जमीनों पर बने घर तोड़ दिए जाएंगे। किसी भी प्रकार के संरक्षित भूमि पर बने घर को संबंधित जिलों का प्रशासन तोड़ देगा, भले ही उस भूमि का मियादी पट्टा ही क्यों न दे दिया गया हो। इसके तहत सरकार पहले भी फॉरेस्ट लैंड, ट्राईबल लैंड, ग्रीनलैंड, वेटलैंड आदि को खाली कर चुकी है। बीते वर्ष गुवाहाटी के सिलशांको बिल में वेटलैंड पर बने अनेक घरों को सरकार ने तोड़ दिया था । हालांकि, मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने वहां से हटाये गए लोगों को मुआवजा देने की बात कही है। उल्लेखनीय है कि पूरे राज्य की बात तो दूर राजधानी गुवाहाटी शहर के बीचो-बीच तथा चारों ओर हजारों हजार बीघा वेटलैंड, ग्रीनलैंड, फॉरेस्ट लैंड आदि पर बड़ी-बड़ी अट्टालिकाएं बनी हुई हैं। पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा कई संरक्षित भूमि को फ्री जोन भी बना दिया गया था । यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह सरकार पूर्ववर्ती सरकारों के फैसले को बदलती है, या नहीं।