सैन्य हिरासत में तीन की मौत : जांच शुरू, ब्रिगेड कमांडर हटाए गए
नई दिल्ली (हि.स.) । सीमावर्ती जिले पुंछ के सूरनकोट इलाके में डेरा की गली और बुफलियाड़ में गुरुवार को सेना के दो वाहनों पर आतंकी हमले के बाद सैन्य हिरासत में तीन नागरिकों की मौत के मामले की जांच सेना ने शुरू कर दी है। भारतीय सेना ने 13 सेक्टर राष्ट्रीय राइफल्स के एक ब्रिगेड कमांडर को इस मामले की जांच होने तक हटा दिया है और ब्रिगेड की कमान दूसरे अधिकारी को सौंपी गई है। सीमावर्ती जिले पुंछ के सूरनकोट इलाके में डेरा की गली और बुफलियाड़ के बीच एक तीखे मोड़ पर आतंकी हमले में चार जवान बलिदान हो गए थे। उसके दूसरे दिन आठ आम नागरिकों को सेना की उसी फॉर्मेशन ने उठाया था, जिसमें गुरुवार को पुंछ में आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया था और चार सैनिक बलिदान हो गए थे । सेना ने रविवार को आखिरकार मारे गए सैनिकों की पहचान नायक बीरेंद्र सिंह,नायक करण कुमार, राइफलमैन गौतम कुमार और राइफलमैन चंदन कुमार के रूप में की। इनमें से दो जवानों के शव क्षत-विक्षत किए गए थे। सेना की हिरासत में लिए गए आठ लोगों में से तीन नागरिकों की यातना के वीडियो और मौतों को केंद्र सरकार ने बहुत गंभीरता से लिया है और जवाबदेही तय करने के लिए सेना को सख्त निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार के सख्त निर्देश के बाद सेना ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले से जुड़े जम्मू- कश्मीर में पुंछ के प्रभारी 13 सेक्टर राष्ट्रीय राइफल्स का नेतृत्व करने वाले ब्रिगेडियर पी. आचार्य को कथित यातना वीडियो और तीन नागरिकों की मौत की जांच लंबित रहने तक उनके पद से हटाकर किसी अन्य इकाई या मुख्यालय में तैनात कर दिया गया है। जांच के दायरे में ब्रिगेडियर आचार्य के अधीन बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर, सेकेंड इन कमांड के अलावा कंपनी कमांडर को भी लिया गया है। जांच के दायरे में आने वाली बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर घटना के वक्त छुट्टी पर थे और दूसरा अधिकारी कार्य कर रहा था । कश्मीर के एक नए अधिकारी ने 13 सेक्टर राष्ट्रीय राइफल्स की कमान संभाली है। सूत्रों ने बताया कि दरअसल, राजौरी-पुंछ क्षेत्र में पिछले डेढ़ साल में एक चिंताजनक प्रवृत्ति देखी गई है, जहां सैनिकों पर बार-बार आतंकवादी घात लगाकर हमला कर रहे हैं। इसलिए जांच के दौरान हाल के दिनों में अधिकारी की जिम्मेदारी वाले क्षेत्र में आतंकवादी हमलों में अपने सैनिकों की बार-बार होने वाली हानि पर भी गौर किया जाएगा। सूत्रों ने यह भी कहा कि नागरिकों की मौत की जांच में और अधिक अधिकारियों और जवानों को शामिल किया जाएगा। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि यह कोई बर्खास्तगी नहीं है बल्कि उक्त अधिकारी के आचरण की जांच चल रही है। दंड के प्रकार सहित आगे की कार्रवाई आंतरिक जांच के नतीजे पर आधारित होगी। जम्मू- कश्मीर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया है और वह भी मामले की जांच कर रही है। सूत्रों ने कहा कि यह भी जांच की जाएगी कि क्या सेना के कुछ अधिकारियों ने पुलिस की जांच को प्रभावित करने का कोई प्रयास किया था। मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे सोमवार को राजौरी पहुंचे हैं। उन्होंने पुंछ सेक्टर का दौरा किया और उन्हें मौजूदा सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी गई है। उन्होंने जमीन पर कमांडरों के साथ बातचीत की, उन्हें सबसे पेशेवर तरीके से ऑपरेशन चलाने और सभी चुनौतियों के खिलाफ दृढ़ और स्थिर रहने के लिए प्रोत्साहित किया । उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन और वरिष्ठ नागरिक प्रशासन और पुलिस अधिकारी आतंकवाद विरोधी अभियान और कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने तथा निगरानी के लिए राजौरी और पुंछ के जुड़वां जिलों में डेरा डाले हुए हैं।