गोरखपुर, (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन के अंतर्गत प्राध्यापक यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार अर्पण समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महंत श्री योगी आदित्यनाथ ने इस पुरस्कार से सम्मानित दीपेश नायर को पुरस्कृत किया। यह पुरस्कार श्रवण बाधितों के लिए प्रशिक्षण और शैक्षणिक केंद्र (एअउल) के सह-संस्थापक दीपेश नायर को ‘श्रवण दिव्यांगजनों में कौशल विकास व शिक्षा के माध्यम से जीवन उद्देश्य और उत्साह उत्पन्न करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने हेतु सम्मानित किया गया है। पु- रस्कार अर्पण समारोह में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही, राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेन्द्र सोलंकी, राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान सहित प्रदेश के प्रमुख गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। प्राध्यापक यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार अर्पण समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ ने संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी परिषद के इस राष्ट्रीय अधिवेशन कार्यक्रम में मैं अपने गृह जनपद गोरखपुर में सभी प्रतिनिधियों का स्वागत करता हूं। मुझे इस बात का हर्ष है कि प्राध्यापक यशवंतराव केलकर पुरस्कार के प्राप्तकर्ता दीपेश नायर ऐसे व्यक्तित्व हैं जिन्होंने समाज के उस वर्ग के लिए कार्य किया है जो सामान्यतया उपेक्षित रह जाता है। यदि दिव्यांगों को प्रशिक्षित किया जाए तो वह भी आगे बढ़ सकता है, ईश्वर जो भी जीवन कमी करता है उसकी पूर्ति वह अवश्य करता है। आपको सम्मान दिए जाने से इस पुरस्कार का गौरव बढ़ा है। उन्होंने आगे कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ऐसा संगठन है जो युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है, मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि मुझे भी अपने विद्यार्थी जीवन में अखिल विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में कार्य करने का अवसर मिला था। जहां युवा को सही दिशा मिलती है, वहां उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने का कार्य किया है। समय के प्रवाह के साथ आगे बढ़ना महत्वपूर्ण है और तकनीकी और विज्ञान को भी साथ रखना उतना ही महत्वपूर्ण है। नवीन प्रौद्योगिकी का सही प्रयोग हो, यह काफी अहम है, तकनीक का सही उपयोग जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है तो नकारात्मक प्रयोग समस्या भी खड़ी करता है। राष्ट्रधर्म ही हमारे लिए सर्वोपरि धर्म है और यही एक लक्ष्य जब लेकर हम चलेंगे तो हम मानवता के कल्याण के मार्ग को प्रशस्त कर पाएंगे। राष्ट्र धर्म के निर्वाह में जो चुनौतियां है, उनका सामना परस्पर एकता से ही संभव है। परस्पर एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हुए ही यह हो पाएगा और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस ऊजार्वान सत्य के बल पर, छात्रशक्ति के बल पर क्योंकि यही छात्रशक्ति, राष्ट्रशक्ति है और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कहता है कि युवा कल का नहीं, आज का नागरिक है ऐसे में उसे आज के दिन ही उसे राष्ट्रधर्म के मार्ग पर आगे बढ़ना होगा । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा प्रत्येक वर्ष दिए जाने वाले यशवंतराव केलकर पुरस्कार के प्राप्तकर्ता व ट्रेनिंग एंड एजुकेशन सेंटर फॉर हियरिंग इम्पेयर्ड (एउल) के सह-संस्थापक दीपेश नायर ने संस्था के शुरूआती दिनों के अनुभव साझा करते हुए कहा कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा और सामाजिक दायित्व में समन्वय बनाते हुए उन्होंने इस मॉडल को बनाया है। इस के माध्यम से जिन भी बच्चों को शुरूआती दिनों में पढ़ाई में दिक्कतों को सामना करना पड़ता था, आज उन्हीं बच्चों को जब में स्नातक की पढ़ाई पूरा करते हुए देखता हूं तो प्रसन्नता होती है। मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूं कि विद्यार्थी परिषद द्वारा मेरे नाम का चयन किया गया है और पुरस्कार मुओ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदान किया गया है।