नई दिल्ली । रेटिंग एजेंसी क्रिसिल द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था 2031 तक 7 ट्रिलियन डॉलर के आकार तक पहुंचने की उम्मीद है। इस ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान देश की जीडीपी की औसत वार्षिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि, वित्त वर्ष 2025 से लेकर 2031 तक की वार्षिक वृद्धि दर महामारी से पहले के दशक की औसत वृद्धि दर (6.6 प्रतिशत) के आसपास होगी। इस विकास को मुख्य रूप से पूंजीगत खर्च और उत्पादकता में सुधार से प्रेरित बताया गया है। 2023-24 के चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी विकास दर 6.8 प्रतिशत तक रहने की संभावना है, जिसका कारण उच्च ब्याज दरें और सख्त लेंडिंग नियम हैं, जिससे शहरी मांग पर असर पड़ा है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार के राजकोषीय घाटे को कम करने के प्रयासों का प्रभाव अर्थव्यवस्था के विकास पर देखने को मिलेगा। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर 2024-25 में औसत 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के 5.4 प्रतिशत से कम होगी। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि मौसम की स्थिति और भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं विकास और महंगाई के लिए महत्वपूर्ण जोखिम हैं। इस वर्ष खरीफ की बुआई अधिक हुई है, लेकिन बेमौसम बारिश और अन्य मौसम संबंधित प्रभावों को लेकर सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि भू-राजनीतिक तनाव के कारण आपूर्ति श्रृंखलाएं प्रभावित हो सकती हैं, व्यापार में विघ्न आ सकता है और तेल की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, जो महंगाई और इनपुट लागत को प्रभावित कर सकती है।