साजिश में ईरान शामिल, लेकिन हमारे पास सबूत नहीं इजराइलपर हमास के हमले को लेकर बोला अमेरिका
वॉशिंगटन ।
फलस्तीन के आतंकी संगठन हमास के अचानक सात अक्तूबर को इजराइल पर हमले किए जाने के बाद तनाव बढ़ता जा रहा है। कुछ लोगों का मानना था कि इन हमलों में ईरान की भागीदारी हो सकती है। हालांकि, अब अमेरिका ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उसके पास ऐसी कोई खुफिया जानकारी या सबूत नहीं है, जो हमलों में ईरान के शामिल होने की ओर इशारा करता हो ।
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, ईरान लंबे समय से हमास और अन्य आतंकवादी नेटवर्कों को समर्थन देता रहा है। इसलिए स्पष्ट रूप से ईरान शामिल है, लेकिन अगर आप सबूतों की बात करते हैं तो हमारे पास कुछ भी नहीं है । '
हिजबुल्ला ने भी की थी पुष्टि
हिजबुल्ला के वरिष्ठ सदस्यों ने भी हाल ही में एक दावा किया है। उसका कहना है कि इजराइल पर हमला करने में हमास की मदद ईरान ने की है। हिजबुल्ला ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया कि ईरान ने इजराइल पर फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के हमले की योजना बनाने में मदद की ।
पिछले हफ्ते लेबनान की राजधानी बेरूत में एक बैठक के दौरान हमले के लिए मंजूरी दी गई थी । उसने बताया कि देश की सबसे शक्तिशाली सेना इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉप्स (आईआरजीसी) के अधिकारी अगस्त से हमास के साथ काम कर रहे थे ताकि जमीन, हवा और समुद्र के रास्ते इजराइल पर हमले की योजना बनाई जा सके। बेरूत में कई बैठकों के दौरान इजराइल पर हमला करने के बारे में चर्चा की गई। इस बैठक में आईआरजीसी के अधिकारियों, हमास और हिजबुल्ला सहित चार ईरान समर्थित आतंकवादी समूहों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। वॉल स्ट्रीट जर्नल की खबर के अनुसार, गाजा पट्टी पर हमास का, जबकि लेबनान में हिजबुल्ला का नियंत्रण है। हमास और हिजबुल्ला के सदस्यों के अनुसार, ईरानी विदेश मंत्री हुसैन आमिर- अब्दुलाहियान ने अगस्त के बाद से कम से कम दो बैठकों में भाग लिया ।