अपनी सनक के लिए जग जाहिर उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग-उन दक्षिण कोरिया को अपना मुख्य दुश्मन मानता है। आए दिन दोनों देशों के बीच टकराव की खबरें भी आती रहीं हैं। इसी बीच उत्तर कोरिया ने कुछ दिन पहले घोषणा कर दी कि वो संविधान में संशोधन करेगा। इसके बाद संविधान संशोधन पर काम शुरु किया गया किम के आदेशानुसार एकीकरण संबंधी धाराएं हटा दी गईं तथा समुद्री सीमा सहित देश की क्षेत्रीय सीमाओं को नए सिरे से निर्धारित किया गया । इससे दक्षिण कोरिया से टकराव बढ़ने की आशंका जाहिर की जा रही है। दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय ने पहले कहा था कि उत्तर कोरिया अपनी अगली एसपीए। बैठक में 1991 में हस्ताक्षरित अंतर- कोरियाई बुनियादी समझौते को रद्द कर सकता है। बता दें कि 1991 के समझौते के तहत अंतर – कोरियाई संबंधों को एक विशेष संबंध के रूप में परिभाषित किया गया था। केसीएनए ने कहा कि देश के समाजवादी संविधान में संशोधन और उसे त्रुटि मुक्त (पूरक) करने के साथ ही उत्तर कोरिया हल्के उद्योग और बाह्य आर्थिक मामलों पर कानूनों पर विचार-विमर्श और उन्हें अपनाने तथा गुणवत्ता नियंत्रण कानून के प्रवर्तन की निगरानी के मुद्दे पर भी चर्चा करेगा। उत्तर कोरिया अगले महीने एक महत्वपूर्ण संसदीय बैठक आयोजित करेगा। बैठक में मुख्य रूप से देश के संविधान में संशोधन किया जाएगा। यह जानकारी सोमवार को राज्य मीडिया ने दी। इससे पहले उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन ने दक्षिण कोरिया को अपना मुख्य दुश्मन बताने के लिए संवैधानिक संशोधन का आह्वान किया था । स्थानीय मीडिया के अनुसार, 14वीं सुप्रीम पीपुल्स असेंबली (एसपीए) का 11वां सत्र 7 अक्टूबर को प्योंगयांग में आयोजित किया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी में एसपीए की बैठक में उत्तर कोरिया के नेता ने संविधान में संशोधन कर दक्षिण कोरिया को अपना प्रमुख शत्रु बताया था। वहीं, युद्ध की स्थिति में दक्षिण कोरियाई क्षेत्र पर पूर्ण कब्जा करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई गौरतलब है कि एसपीए उत्तर कोरिया के संविधान के तहत राज्य सत्ता का सर्वोच्च अंग है, लेकिन वास्तव में यह सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी के निर्णयों पर केवल मुहर लगाता है। इस बीच, उत्तर कोरिया द्वारा नए एसपीए प्रतिनिधियों को चुनने के लिए शीघ्र ही चुनाव कराने की संभावना है, क्योंकि उसने अगले महीने संसदीय बैठक बुलाने की घोषणा की है।