शपथ से पहले ही तेलंगाना में सीएम के बाहर चला बुलडोजर
हैदरबाद। तेलंगाना को गुरुवार को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। कांग्रेस के रेवंत रेड्डी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। रेवंत रेड्डी के इस शपथ के साथ ही दक्षिण भारत के दूसरे राज्य में कांग्रेस की सरकार बन गई। रेवंत रेड्डी ने मुख्यमंत्री बनने से पहले अपना वादा निभाया। शपथ लेने से पहले प्रगति भवन (सीएम आवास) के पास लगी बाड़ को बुलडोजरों की मदद से हटा दिया गया। जनता की पहुंच और यातायात की आवाजाही को आसान बनाने के लिए प्रगति भवन के सामने लगे लोहे के बैरिकेड हटा दिए गए हैं। विधायक दानासारी सीताक्का ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि प्रगति भवन में शेड और ग्रिल को हटा दिया गया। बता दें कि रेवंत रेड्डी ने कहा था कि प्रगति भवन (मुख्यमंत्री आवास) के द्वार जनता के लिए खुले रहेंगे । इसका नाम बदलकर डॉ. बीआर अंबेडकर प्रजा भवन रखा जाएगा। प्रगति भवन के निर्माण पर कुल खर्च लगभग 50 करोड़ रुपए है। 2022 में एक आरटीआई से ये खुलासा हुआ था। प्रगति भवन राज्य के मुख्यमंत्री का आधिकारिक निवास है। के. चंद्रशेखर राव ने मुख्यमंत्री रहते 2016 में शहर के मध्य में यह इमारत बनवाई थी । इसे ऑफिसर्स कॉलोनी में 10 आईएएस अधिकारियों के क्वार्टर और 24 चपरासी क्वार्टरों को ध्वस्त करने के बाद बनाया गया था। नौ एकड़ भूमि पर बने इस कॉम्प्लेक्स की लागत वित्तीय वर्ष 2016-2017 के दौरान 45,91,00,000 रुपए थी। प्रगति भवन में पांच इमारत हैं। इसमें निवास, मुख्यमंत्री कार्यालय, जनहिता (बैठक कक्ष), पुराना मुख्यमंत्री निवास और कैंप कार्यालय हैं। शपथ ग्रहण समारोह में सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी शामिल हुए। हैदराबाद एयरपोर्ट पर रेवंत रेड्डी खुद सोनिया-राहुल और प्रियंका की अगुवानी करने पहुंचे। तेलंगाना में कांग्रेस की पहली सरकार के शपथ समारोह में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार समेत कई नेता शामिल हुए। महबूबनगर जिले के कोंडारेड्डी पल्ली से आने वाले 54 साल के रेवंत का पूरा नाम अनुमुला रेवंत रेड्डी है। उस्मानिया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट रेवंत ने राजनीति की शुरुआत भाजपा की स्टूडेंट विंग एबीवीपी से की थी। 2007 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर आंध्र प्रदेश विधान परिषद के सदस्य भी चुने गए। 2009 में चंद्रबाबू नायडू के कहने पर तेलुगु देशम पार्टी में शामिल हुए थे। 2017 में टीडीपी का साथ छोड़ कर रेवंत रेड्डी कांग्रेस में शामिल हुए। 2019 में मल्काजगिरी सीट से पहली बार सांसद बने। जून 2021 में कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें सीनियर नेता एन । उत्तम रेड्डी की जगह तेलंगाना की कमान सौंपी। बतौर कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने विधानसभा चुनाव में बीआरएस को मात देते हुए पार्टी को तेलंगाना में सत्ता तक पहुंचाने में कामयाब हुए।