विभिन्न तंदुरुस्ती तथा सौंदर्य सेवाएं आती हैं, जिनका आनंद कोई व्यक्ति किसी सैलून अथवा केंद्र में उठा सकता है। पहले यह एक असंगठित उद्योग था, लेकिन अब देश के सकल घरेलू उत्पाद यानि देश की आय में इसका योगदान महत्वपूर्ण है । एक अध्ययन के अनुसार देश में वैलनेस इंडस्ट्री के इस वर्ष के अंत तक 1 लाख करोड़ रुपए का कारोबार करने का अनुमान है। इसमें आपके लिए बेहतर कॅरियर के विकल्प मौजूद हैं।
| प्रशिक्षण संस्थान…
हाल के वर्षों में वैलनेस इंडस्ट्री में कॅरियर बनाने का प्रशिक्षण देने वाले देश में कई संस्थान खुले हैं। ये संस्थान वैलनेस के क्षेत्र में ट्रेनिंग व एजुकेशन प्रदान कर रहे हैं। मंत्रा इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फिटनेस मैनेजमेंट, ओरिएंट स्पा इंस्टीट्यूट, एनएसएचएम उड़ान स्किल्स फाऊंडेशन जैसे कुछ संस्थान अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रोग्राम्स तथा कोर्सेज करवा रहे हैं। ग्लोबल इंडियन ब्यूटी एक्स्पो 2014 आदि इसी का उदाहरण है। देश में वैलनेस इंडस्ट्री में उज्ज्वल भविष्य बनाने की अपार संभावनाएं हैं।
स्वरोजगार के भी अच्छे मौके …..
यह भी अच्छी बात है कि जो लोग इस सेक्टर में स्वरोजगार शुरू करना चाहते हैं उन्हें भी वैलनेस से जुड़ी यूनिट्स खोलने के लिए आरंभ में ही अधिक धनराशि की जरूरत नहीं होती तथा न ही अधिक लोगों की जरूरत पड़ती है। इसलिए हम
कह सकते हैं कि इस क्षेत्र में आपके लिए बेहरत कॅरियर विकल्प मौजूद है।
अपार संभावनाएं….
भारत आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट्स तथा योगा के लिए एक ग्लोबल सेंटर बनता जा रहा है। हर्बल कॉस्मैटिक्स सेक्टर भी भारतीय वैल्नेस इंडस्ट्री में अपनी जगह पक्की करता जा रहा है। अनुमान है कि इसमें 7 प्रतिशत की दर से विकास होगा, क्योंकि अधिक से अधिक लोग रासायनिक उत्पादों को छोड़कर जैविक उत्पादों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। हेल्थ ड्रिंक्स के रूप में न्यूट्रास्यूटिकल्स, स्लिमिंग टी, डाइटरी सप्लीमेंट्स आदि का सेवन भी कई गुणा बढ़ रहा है। इस सेग्मेंट के भी वर्ष 2016 तक बढ़कर 3212.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर होने की अपेक्षा है। वहीं ग्लोबल वैलनैस टूरिज्म सेग्मेंट के भी आम पर्यटन की अपेक्षा 50 प्रतिशत तेजी के साथ बढ़ने की संभावना है।