वैज्ञानिकों ने नेत्रहीनों में आवाज से चेहरा पहचानने वाले दिमाग का भाग खोजा, नाम है फूसीफॉर्म फेस एरिया
वॉशिंगटन ।
क्या हम किसी की आवाज से उसका चेहरा पहचान सकते हैं लेकिन क्या नेत्रहीन भी ऐसा कर सकते हैं जवाब है हां, वे आवाज के जरिए चेहरे या आकार की बनावट गढ़ लेते हैं। यही क्षमता विकसित करने वाले दिमाग के हिस्सों की वैज्ञानिकों ने खोज है। जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के चिकित्सा केंद्र के मस्तिष्क वैज्ञानिकों ने इसके लिए विशेष उपकरणों का उपयोग किया जो आवाज से छवियां गढ़ सकते थे । वैज्ञानिकों ने बताया कि दिमाग के इस भाग को फूसीफॉर्म फेस एरिया कहा जाता है। प्रोफेसर डॉ. जोसफ रॉसचेकर के अनुसार यह तो पता है कि नेत्रहीनों की कुछ इंद्रियां नेत्रहीनता की भरपाई करने लगती हैं। हमने शोध किया कि इस भरपाई के लिए सुनने की क्षमता क्या योगदान देती है इसके लिए हमने फंक्शनल मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग का सहारा लिया। पता लगाने का प्रयास किया कि मस्तिष्क में छवियों को ढालने की प्रक्रिया किसी भाग होती है डॉ. जोसेफ ने बताया कि फूसीफॉर्म फेस एरिया में कई गतिविधियां ऐसी होती हैं कि जिन्हें पढ़ना गूढ़ श्रेणी में आता है। । अध्ययन में छह नेत्रहीन और देखने की क्षमता रखने वाले 10 लोग शामिल हुए। उन्हें तीन चरण में एमआरआई स्कैन से गुजारा गया। इस दौरान आवाज के जरिये सामान्य ज्यामितीय आकार व रेखाओं को पहचानने के लिए कहा गया। धीरे- धीरे पैटर्न को जटिल किया गया। रेखाओं से आकार, घर व चेहरे ढाले गए। वैज्ञानिकों को फूसीफॉर्म फेस एरिया में सक्रियता मिली। डॉ. जोसेफ रॉसचेकर का दावा है कि यह खोज देखने की क्षमता देने वाले उपकरण बनाने में काफी मदद कर सकती है। कुछ और शोधों के बाद इससे नेत्रहीनों को मदद मिल सकती है।
इमोजी - कार्टूनी चेहरे पहचाने लगे नेत्रहीन
अध्ययन के दौरान उपकरणों से नेत्रहीन लोगों को खुशी के इमोजी और कार्टूनी चेहरे पहचानने में मदद मिली। यह मुश्किल है। प्रयोग के दौरान नेत्रहीनों के बाएं और देखने की क्षमता वाले लोगों के दाएं फूसीफॉर्म फेस एरिया सक्रिय थे। अनुमान हैं कि इसकी वजह फूसीफॉर्म फेस एरिया के बाएं और दाएं भाग में छवि गढ़ने की प्रक्रियाएं हो सकती है। यह छवियां आपस में जुड़े पैटर्न या फिर अलग अलग हिस्सों से गढ़ी जाती है।