विदेशों से पैसा भेजने वालों में भारत दुनिया में नंबर वन पर

विदेश से अपने देश पैसे भेजने वालों में भारतीय दुनियाभर में अव्वल हैं लगातार तीसरे साल भी यह सिलसिला बरकरार है। भारतीयों ने 2024 में 129 बिलियन डॉलर यानी करीब 10.7 लाख करोड़ रुपए भारत भेजे हैं। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में 8.95 लाख करोड़ रुपए रेमिटेंस के रूप में स्वदेश भेजे गए थे । विश्व बैंक की एक ब्लॉग पोस्ट के मुताबिक रेमिटेंस पाने भारत के बाद मैक्सिको, चीन, फिलीपींस और पाकिस्तान का नंबर आता है। रेमिटेंस विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक जरिया है। भारत में खाड़ी देशों के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे विकसित देशों से रेमिटेंस आता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल रेमिटेंस की वृद्धि दर (एफडीआई) में 41 फीसदी की 5.8 फीसदी रही, जो 2023 के मुकाबले 1.2 फीसदी ज्यादा है। महामारी के बाद आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के सदस्य देशों में नौकरी बाजार की रिकवरी को इस वृद्धि का मुख्य कारण बताया है। रिपोर्ट में यह भी बताया कि पिछले दशक में रेमिटेंस में 57 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कि निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रेमिटेंस प्रवाह 2024 में 685 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। रिपोर्ट में यह भी कहा कि प्रेषण अन्य बाहरी वित्तीय प्रवाहों की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है और इसमें भविष्य में और बढ़ोतरी की संभावना है। दक्षिण एशिया में रेमिटेंस प्रवाह 2024 . में 11.8 फीसदी की वृद्धि के साथ सबसे ज्यादा बढ़ने का अनुमान है। इस क्षेत्र में भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश प्रमुख योगदानकर्ता रहे। बता दें 2022 में प्रवासी भारतीयों ने 111.22 बिलियन डॉलर यानी करीब 9.28 लाख करोड़ रुपए भारत भेजे थे। इस कारण भारत 100 बिलियन डॉलर यानी 8.34 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रेमिटेंस पाने वाला पहला देश बन गया था। विश्व बैंक विशेषज्ञों का कहना है कि रेमिटेंस का इस्तेमाल गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य और शिक्षा के वित्तपोषण, और परिवारों की वित्तीय समावेशन में किया जाना चाहिए।

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