गुवाहाटी (हिंस) । संरक्षा संबंधी पहलुओं पर रेल कर्मचारियों के ज्ञान को बेहतर करने के लिए पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) ने अलीपुरद्वार स्थित अपने बहु- विषयक क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान (एमडीजे डटीआई) में एक अभिनव वर्चुअल रियलिटी एंड मिक्सड रियलिटी (वीआर और एमआर) प्रशिक्षण मॉड्यूल लागू किया है। भारतीय रेल मॉड्यूल के सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण के लिए यह डिजिटल हब ट्रेन परिचालन से जुड़े सभी रनिंग और संरक्षा कर्मचारियों के लिए तैयार किया गया है। प्रशिक्षुओं को हेडसेट और जॉयस्टिक के उपयोग के साथ संबंधित कार्य प्रकृति पर एक व्यापक ट्यूटोरियल मार्गदर्शन किया जा सकता है। पूसीरे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने सोमवार को बताया है कि इससे पहले, प्रशिक्षण दो चरणों अर्थात सैद्धांतिक और व्यावहारिक रूप में थे, जिसके लिए कक्षा शिक्षण और व्यावहारिक सत्र आयोजित किए जाते थे। हालांकि, तकनीकी प्रगति और वीआर एवं एमआर प्रशिक्षण मॉड्यूल की शुरूआत के साथ, वास्तविक समय का अनुभव प्राप्त किया जा सकता है। इस उन्नत मॉड्यूल ने वास्तविक समय की स्थिति में मानक मापदंडों तक पहुंच में सुधार करने में भी मदद की। अब तक कुल 2020 प्रशिक्षुओं यानी 516 स्टेशन प्रबंधकों, 372 ट्रेन प्रबंधकों, 555 लोको पायलट, 550 सहायक लोको पायलट और पी. वे के 27 जूनियर इंजीनियरों एवं वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियरों को इस वीआर एवं एमआर मॉड्यूल के तहत सफलतापूर्वक प्रशिक्षण दिया गया है । उन्नत प्रशिक्षण प्रथाओं के लिए वर्चुअल रियलिटी एंड मिक्सड रियलिटी का उपयोग विशेष अनुसूची का ज्ञान प्राप्त करने में प्रशिक्षुओं के समग्र परिप्रेक्ष्य को बदल देगा। इस अभिनव प्रशिक्षण दृष्टिकोण की शुरूआत न केवल फ्रंटलाइन कर्मचारियों की प्रभावशीलता को बढ़ाएगी, बल्कि रेलवे नेटवर्क के अधीन संरक्षा और परिचालन उत्कृष्टता पर भी जोर देगी ।