जैसलमेर (हिंस) । प्रदेश में इस बार मानसूनी बारिश से जलाशयों में जल की अच्छी आवक हुई है। इससे सुख समृद्धि एवं खुशहाली के साथ चहुमुखी विकास होगा। राज्य सरकार द्वारा जलझूलनी एकादशी पर जलाशयों पर राजस्थान जल महोत्सव – 2024 के अभिनव पहल के तहत जैसलमेर जिले में ग्राम, ब्लॉक एवं जिला स्तर पर जलाशयों पर जल महोत्सव का भव्य कार्यक्रम हुआ वहीं जलाशयों पर अतिथियों द्वारा विधि विधान से पूजा-अर्चना की गई। इसके साथ ही महिलाओं ने मांगलिक गीत भी प्रस्तुत किए एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी हुआ। जिला स्तरीय समारोह के अवसर पर जिला कलक्टर प्रताप सिंह ने सभी संम्भागियों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई। राजस्थान जल महोत्सव के तहत शनिवार को जिला स्तरीय कार्यक्रम ग्रामmपंचायत मूलसागर के अमृत सरोवर आलाजी का मंदिर पर शानदार रूप से आयोजित हुआ। जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुए। जिला स्तरीय समारोह की अध्यक्षता जिला प्रमुख प्रताप सिंह सौंलकी ने की एवं जिला कलक्टर प्रताप सिंह, अतिरिक्त जिला कलक्टर मुन्नीराम बागड़िया, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जितेन्द्र सिंह नरुका, समाजसेवी चंद्रप्रकाश शारदा, विकास अधिकारी जैसलमेर समिति अजय सिंह नाथावत, सरपंच मूलसांगर खेताराम, जैसलमेर विकास समिति के सचिव चंद्रप्रकाश व्यास अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने अमृत सरोवर आलाजी के मंदिर पर जलाशय की पूजा – अर्चना की । पूजारी प्रमोद पुरोहित ने विधि विधान से पूजा-अर्चना कराई। जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी ने कहा कि राज्य सरकार ने जल झूलनी एकादशी पर इस बार इंद्रदेव की कृपा से हुई अच्छी वर्षा के कारण प्रदेश के सभी जलाशय पानी से लबालब भरे हुए है उसकी पूजा-अर्चना का कार्यक्रम रख कर एक अनूठी शुरुआत की है एवं ईश्वर के प्रति आस्था प्रकट की है। उन्होंने कहा कि जैसलमेर जिला आदिकाल से जल के महत्व को समझ रहा है, लेकिन युवा पीढ़ी को आज के दिन यह संकल्प लेना है कि वे बरसाती जल का एक-एक बूंद का संग्रहण करेंगे एवं आने वाली पीढ़ी के लिए जल को बचाएगें । जिला कलक्टर प्रताप सिंह ने जल महोत्सव पर सभी संम्भागियों को बधाई देते हुए कहा कि इस बार अच्छी वर्षा होने के कारण जैसलमेर के सभी तालाब, नाडियाँ इत्यादि पानी से भरे हुए है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा के अनुसार पूरे जिले में जल महोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि हमें जल के महत्व को समझ कर उसका जरुरत के हिसाब से उपयोग करना है तभी हम जल को बचा पाएगें। उन्होंने अधिक से अधिक वृक्षारोपण कर इस धरती को हराभरा बनाने की सीख दी। जिला प्रमुख प्रताप सिंह सौंलकी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जितेन्द्रसिंह नरुका, भू-जल वैज्ञानिक डॉ. एनडी इणखिया, अधिशाषी अभियंता जिला परिषद राधेराम रेवाड़ के साथ जनप्रतिनिधिगण, मातृशक्ति, स्कूली विद्यालयों के छात्र-छात्राएं उपस्थित थी।