गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिए लोगों पर कोई अतिरिक्त कर नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन के कारण कल्याणकारी गतिविधियों को अंजाम देने में सक्षम है। वह एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जहां अरुणोदय 2.0 योजना के लाभार्थियों को उनके कार्ड सौंपे गए। योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को विभिन्न घरेलू खर्चों को पूरा करने के लिए हर महीने महिला सदस्य के बैंक खाते में 1,250 रुपए मिलते हैं । अरुणोदय 2.0 के तहत, लाभार्थियों की सूची में लगभग 7 लाख नए नाम जोड़े जाएंगे, जिससे कुल संख्या 26 लाख हो जाएगी। कार्यक्रम में जोरहाट जिले के 25,000 से अधिक नए लाभार्थियों को उनके कार्ड प्राप्त हुए। अपनी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभार्थी बनाने के लिए सरकार की आलोचना करने वाले विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में मैं निश्चित रूप से, हिताधिकारी (लाभार्थी) बनाने पर ध्यान दूंगा । उन्होंने कहा कि इन लोगों का लाभ पर अधिकार है। अगर मैं उन्हें ये सुनिश्चित नहीं कर सकता, तो मैं हिमालय भी जा सकता हूं। उन्होंने राज्य के विभागों में रिक्तियों को भरने और शिक्षा और खेल के बुनियादी ढांचे के विकास में किए गए कार्यों के अलावा, उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई नई सड़कों, पुलों और सुरंगों सहित कई अन्य कल्याण और विकास परियोजनाओं को सूचीबद्ध किया। सीएम ने कहा कि विपक्षी दलों को सवाल करना चाहिए कि क्या सरकार योजनाओं को लागू करने के लिए अधिक कर लगा रही है। उन्होंने कहा कि लोगों पर कोई अतिरिक्त कर लगाए बिना हम इन सभी योजनाओं को लागू कर रहे हैं। शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार पीएम मोदी के आशीर्वाद और शुभकामनाओं के कारण ऐसा करने में सक्षम हो रही है। उन्होंने कहा कि मैं असम के लोगों से पीएम मोदी का समर्थन जारी रखने का आग्रह करता हूं क्योंकि उनकी मदद से ही हम अपने राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। शर्मा ने कहा कि सरकार अगले साल अरुणोदय योजना के तहत 5 लाख और लाभार्थियों को शामिल करने का लक्ष्य बना रही है, जिससे लाभार्थियों की संख्या लगभग 31 लाख हो जाएगी। उन्होंने मौजूदा लाभार्थियों से यह भी अनुरोध किया कि यदि उनके परिवार में किसी को सरकारी नौकरी मिलती है और उनकी आर्थिक स्थिति स्थिर हो जाती है तो वे खुद को सूची से हटा लें ताकि योग्य परिवारों को इसमें शामिल किया जा सके। उधर मुख्यमंत्री डॉ हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि यदि वे जनता का हित नहीं कर सकते हैं तो उनके मुख्यमंत्री के पद पर रहने का क्या मतलब है। हित के अधिकारियों को उनका अधिकार देने से बढ़कर मुख्यमंत्री के लिए कोई काम नहीं हो सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस तथा कुछ दलों के कुछ आंदोलनकारी हमेशा ही अरुणोदय योजना का विरोध करते हैं । वे यह कहकर इसकी निंदा करते हैं कि इस योजना के जरिए हिताधिकारी खड़े किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इसलिए मुख्यमंत्री बने हैं कि लोगों के हित में काम करें, जिनका जो प्राप्य अधिकार है, वह उन्हें दें। वहीं मुख्यमंत्री डॉ हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि यदि मुख्यमंत्री होकर वे हिताधिकारी (लाभार्थी) नहीं बना सकते हैं तो उनके मुख्यमंत्री बने रहने का क्या मतलब है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिताधिकारी का मतलब होता है जो हित के अधिकारी हैं। हित के अधिकारियों को उनका अधिकार देने से बढ़कर मुख्यमंत्री के लिए कोई काम नहीं हो सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस तथा कुछ दलों के कुछ आंदोलनकारी हमेशा ही अरुणोदय योजना का विरोध करते हैं । वे यह कहकर इसकी निंदा करते हैं कि इस योजना के जरिए हिताधिकारी खड़े किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इसलिए मुख्यमंत्री बने हैं कि लोगों के हित में काम करें। जिनका जो प्राप्य अधिकार है वह उन्हें दें ।