नई दिल्ली। भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को उनके अद्वितीय योगदान के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस सम्मान की घोषणा केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर की। उन्होंने कहा कि मिथुन चक्रवर्ती को यह पुरस्कार उनके लंबे और प्रेरणादायक सिनेमाई सफर के लिए दिया जा रहा है। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा, जो 8 अक्तूबर, 2024 को आयोजित होगा। इस समारोह में भारत के सिनेमा जगत के कई प्रमुख कलाकार, फिल्म निर्माता, और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मिथुन दा की सिनेमाई यात्रा पीढ़ियों को प्रेरित करती है। यह घोषणा करना हमारे लिए गर्व की बात है कि दादा साहब फाल्के चयन जूरी ने महान अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती जी को भारतीय सिनेमा में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए पुरस्कार देने का निर्णय लिया है। यह सम्मान मिथुन चक्रवर्ती को हाल ही में पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने के कुछ ही महीनों बाद मिल रहा है । इस पुरस्कार को स्वीकार करते समय उन्होंने कहा था कि मैं बहुत खुश हूं। मैंने अपने जीवन में कभी किसी से अपने लिए कुछ नहीं मांगा। जब मुझे गृह मंत्रालय से फोन आया कि मुझे पद्म भूषण से सम्मानित किया जा रहा है, तो मैं एक मिनट के लिए चुप रह गया क्योंकि मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी । मिथुन चक्रवर्ती ने 1977 में अपने अभिनय करियर की शुरुआत की और अपनी पहली फिल्म मृगया के साथ ही राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले कुछ चुनिंदा अभिनेताओं में शामिल हो गए। इसके बाद, 1982 में रिलीज हुई उनकी फिल्म डिस्को डांसर ने उन्हें एक राष्ट्रीय पहचान दिलाई। यह फिल्म न केवल भारत में बल्कि एशिया, सोवियत संघ, पूर्वी यूरोप, मध्य पूर्व, तुर्की और अफ्रीका में भी बेहद सफल रही। मिथुन चक्रवर्ती ने अपने करियर के दौरान कई हिट फिल्मों में अभिनय किया है, जिनमें अग्निपथ, मुझे इंसाफ चाहिए, हम से है जमाना, पसंद अपनी अपनी, घर एक मंदिर, और कसम पैदा करने वाले की शामिल हैं। हाल के वर्षों में, उन्होंने ओएमजी : ओह माय गॉडजैसी सफल फिल्मों में भी अपनी अदाकारी दिखाई है, जिसने उन्हें नए दर्शकों के बीच लोकप्रिय बनाया । मिथुन चक्रवर्ती की अभिनय शैली, उनकी डांसिंग कला और उनका करिश्मा भारतीय सिनेमा में एक अलग पहचान बनाते हैं। उन्होंने न केवल मुख्यधारा की फिल्मों में काम किया है, बल्कि विभिन्न शैलियों में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है । उनके काम ने कई युवा अभिनेताओं को प्रेरित किया है, और उनकी फिल्मों की गाने आज भी दर्शकों के दिलों में बसी हुई हैं। दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त करना मिथुन चक्रवर्ती के लिए एक नई उपलब्धि है, जो उनकी कला और समर्पण को दर्शाता है। यह सम्मान उनकी लंबी और सफल यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को मान्यता देता है। उनके प्रशंसक इस समाचार से बेहद खुश हैं और उन्हें इस सम्मान के लिए बधाई दे रहे हैं। यह मिथुन चक्रवर्ती की सिनेमाई यात्रा का एक और सुनहरा अध्याय है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।