इंफाल। बीते डेढ़ साल से मणिपुर में हिंसा जारी है। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जारी हिंसा फिलहाल थमती नहीं दिख रही है। इस बीच बिष्णुपुर के मोइरंग इलाके में उग्रवादियों द्वारा किए गए हमले में एक बुजुर्ग की मौत हो गई। इस हमले में अन्य पांच लोग भी घायल हुए। पूर्व मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरेंग के आवास के परिसर पर रॉकेट गिरा था। जिले में यह दूसरा रॉकेट हमला है। एक अधिकारी ने बताया कि जब रॉकेट हमला हुआ तब बुजुर्ग परिसर में कुछ धार्मिक कार्यक्रम में व्यस्त था। इस हमले के बाद मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इस दौरान 13 साल की एक बच्ची समेत पांच लोग भी घायल हुए। यह रॉकेट आईएनए मुख्यालय से दो किमी दूर गिरा। इससे पहले दिन में इंफाल से लगभग 45 किमी दूर स्थित ट्रोंग्ला ओबी के आवासीय इलाके में एक ऊंचे स्थान से रॉकेट दागा गया था। इस घटना के कुछ दिन पहले उग्रवादियों ने इंफाल पश्चिम जिले में ड्रोन से हमला किया था। इस हमले में 23 वर्षीय एक महिला सहित तीन लोग घायल हो गए थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उग्रवादियों ने कांगपोकपी जिले के पहाड़ी इलाकों से सेजम चिरांग के निचले इलाके में स्थित गांव पर अंधाधुंध गोलीबारी भी की, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की। यह स्थान कोउत्रुक से तीन किलोमीटर दूर है। यहां रविवार को इसी तरह के ड्रोन के जरिए बम हमले किए गए थे। यहां फायरिंग भी हुई थी, जिसमें दो लोग मारे गए थे और नौ घायल हो गए थे। बता दें कि मणिपुर में पिछले डेढ़ साल से ही हिंसा जारी है। दरअसल, मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पिछले साल तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।